मध्य प्रदेश मंगल दिवस योजना, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण योजना है। इसका उद्देश्य प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा एवं महिला सशक्तिकरण से संबंधित विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करना है। यह योजना प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को “गोद भराई”, दूसरे मंगलवार को “अन्नप्राशन”, तीसरे मंगलवार को “बाल चौपाल”, चौथे मंगलवार को “लालिमा दिवस” ​​तथा प्रत्येक तीन माह के पांचवें मंगलवार को “सुपोषण दिवस” ​​के रूप में मनाई जाती है।

योजना के मुख्य उद्देश्य

  • महिलाओं एवं बच्चों का स्वास्थ्य एवं पोषण: गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं एवं 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों को स्वास्थ्य एवं पोषण जांच, टीकाकरण, पूरक आहार वितरण एवं स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करना।
  • शिक्षा एवं जागरूकता: बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करना, महिलाओं एवं किशोरियों को स्वच्छता, स्वस्थ जीवन शैली, कानूनी अधिकारों एवं विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक करना।
  • महिला सशक्तिकरण: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करना, उन्हें स्वरोजगार के अवसरों से अवगत कराना तथा महिलाओं के प्रति सामाजिक जागरूकता उत्पन्न करना।

योजना के लाभ

  • महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण में सुधार: योजना के अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, पूरक आहार वितरण एवं स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रमों से महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
  • शिक्षा के स्तर में वृद्धि: बच्चों को दी जा रही प्राथमिक शिक्षा तथा महिलाओं एवं किशोरियों को दी जा रही जागरूकता शिक्षा के कारण प्रदेश में शिक्षा के स्तर में वृद्धि हुई है।
  • महिला सशक्तिकरण: महिलाओं को प्रदान किए जा रहे कौशल विकास प्रशिक्षण एवं स्वरोजगार के अवसरों के कारण महिलाएं आत्मनिर्भर एवं सामाजिक रूप से सशक्त बन रही हैं।

मंगल दिवस योजना: आंगनवाड़ियों में खुशियों का मंगलवार

मध्य प्रदेश मंगल दिवस योजना आंगनवाड़ी केंद्रों को महज सरकारी दफ्तरों से बदलकर खुशियों एवं सशक्तिकरण के केंद्र में बदल देती है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित यह योजना प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को मनाई जाती है। इस दिन आंगनवाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं, माताओं, बच्चों एवं समुदाय के लोगों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। आइए देखें कि मंगलवार कैसे बनता है खुशियों का दिन:

हर मंगलवार, एक नया जश्न

  • पहला मंगलवार: गोद भराई की खुशी: गर्भवती महिलाओं के लिए गोद भराई का आयोजन किया जाता है। इसमें उन्हें पोषण के बारे में जानकारी दी जाती है और गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ रहने के टिप्स दिए जाते हैं।
  • दूसरा मंगलवार: अन्नप्राशन का मधुर स्वागत: छह महीने के बच्चों के लिए अन्नप्राशन समारोह का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही माताओं को बच्चों के पोषण आहार के बारे में जानकारी दी जाती है।
  • तीसरा मंगलवार: बाल चौपाल – खेल और सीखने का संगम: खेलों के माध्यम से बच्चों के लिए सीखने का माहौल बनाया जाता है। उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर ध्यान दिया जाता है।
  • चौथा मंगलवार: लालिमा दिवस – माताओं और बच्चों का मजबूत बंधन: माताओं को अपने बच्चों को स्तनपान कराने के महत्व के बारे में बताया जाता है। इसके साथ ही जन्म के बाद बच्चों की देखभाल के बारे में भी जानकारी दी जाती है।
  • पांचवां मंगलवार, जो हर तीन महीने में आता है: सुपोषण दिवस – स्वस्थ भविष्य की नींव: पोषण संबंधी कमियों को दूर करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। साथ ही बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक भोजन वितरित किया जाता है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका

इस योजना की सफलता का श्रेय काफी हद तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को जाता है। ये वही महिलाएँ हैं जो हर मंगलवार को आंगनवाड़ी केंद्रों पर मंगल दिवस कार्यक्रम आयोजित करती हैं और समुदाय के लोगों से जुड़ती हैं। इन्हें समुदाय में जागरूकता फैलाने, स्वास्थ्य संबंधी सलाह देने और सरकारी योजनाओं की जानकारी देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इस योजना की धुरी हैं।

समुदाय की भागीदारी – सशक्तिकरण की नींव

मध्य प्रदेश मंगल दिवस योजना तभी सफल हो सकती है जब समुदाय के लोग भी इसमें सक्रिय रूप से भाग लें। मंगलवार को आयोजित कार्यक्रमों में गर्भवती महिलाओं, माताओं, बच्चों और परिवारों की उपस्थिति आवश्यक है। इसके साथ ही ग्राम प्रधान, आशा कार्यकर्ता और अन्य सम्मानित लोग भी अपनी उपस्थिति देकर इस योजना को मजबूत कर सकते हैं।

आने वाले कल की रूपरेखा

मध्य प्रदेश मंगल दिवस योजना एक सतत चलने वाली योजना है। आने वाले समय में इस योजना में और भी कार्यक्रम शामिल किए जा सकते हैं, जैसे:

  • किशोरियों के लिए स्वस्थ जीवनशैली पर चर्चा
  • बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ जागरूकता अभियान
  • वृद्ध महिलाओं के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना

इन कार्यक्रमों को शामिल करने से योजना का दायरा बढ़ेगा और समाज के सभी वर्गों को इसका लाभ मिलेगा।

आप भी मंगल दिवस का हिस्सा बनें

अपने आस-पास के आंगनवाड़ी केंद्रों में आयोजित मंगल दिवस कार्यक्रमों में भाग लें। वहां होने वाली गतिविधियों में भाग लेकर आप न केवल जागरूक होंगे बल्कि दूसरों को भी जागरूक कर सकते हैं।

यह मंगल दिवस योजना मध्य प्रदेश में महिला एवं बाल विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आइए हम सब मिलकर इस योजना को सफल बनाएं और हर मंगलवार को हर आंगनवाड़ी केंद्र में खुशी का माहौल बनाएं!

निष्कर्ष

मध्य प्रदेश मंगल दिवस योजना महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण में सुधार, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक जागरूकता लाने का प्रयास कर रही है।

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