भारत में सरकारी स्कूलों में शिक्षण पदों को बहुत प्रतिष्ठित माना जाता है। इनमें से दो सबसे महत्वपूर्ण पद प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT) भर्ती हैं जो केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) द्वारा आयोजित की जाती हैं। जो उम्मीदवार TGT शिक्षक बनना चाहते हैं, उनके लिए KVS TGT पाठ्यक्रम और DSSSB TGT पाठ्यक्रम के बीच अंतर को समझना महत्वपूर्ण है ताकि वे अपनी परीक्षाओं की बेहतर तैयारी कर सकें। हालाँकि दोनों परीक्षाओं का उद्देश्य योग्य शिक्षकों का चयन करना है, लेकिन उनके पाठ्यक्रम, परीक्षा पैटर्न और शिक्षण दृष्टिकोण में अंतर हैं।

इस लेख में, हम इन अंतरों को विस्तार से समझाएँगे ताकि उम्मीदवार ठीक से तैयारी कर सकें।

KVS TGT और DSSSB TGT का परिचय

KVS TGT (केंद्रीय विद्यालय संगठन प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक)

केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) पूरे भारत में केंद्र सरकार द्वारा संचालित स्कूलों का एक नेटवर्क है। यह कक्षा VI से X तक के छात्रों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों (TGT) की भर्ती करता है। KVS का पाठ्यक्रम और परीक्षा उम्मीदवारों की शिक्षण योग्यता, उनके विषय ज्ञान और राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा की आवश्यकताओं को पूरा करने की उनकी क्षमता का परीक्षण करने के लिए डिज़ाइन की गई है।

DSSSB TGT (दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक)

DSSSB दिल्ली सरकार में विभिन्न पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित करता है, जिसमें TGT शिक्षकों की भर्ती भी शामिल है। DSSSB TGT पाठ्यक्रम दिल्ली की क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, जो इसे KVS से अलग बनाता है।

पाठ्यक्रम में मुख्य अंतर

1. परीक्षा पैटर्न और संरचना

KVS TGT परीक्षा पैटर्न

KVS TGT परीक्षा में 150 प्रश्न होते हैं, जिन्हें निम्नलिखित खंडों में विभाजित किया जाता है:

  • सामान्य अंग्रेजी (10 प्रश्न)
  • सामान्य हिंदी (10 प्रश्न)
  • सामान्य ज्ञान और समसामयिक मामले (40 प्रश्न)
  • तर्क क्षमता (40 प्रश्न)
  • कंप्यूटर ज्ञान (10 प्रश्न)
  • शिक्षण पद्धति (40 प्रश्न)

प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होता है, और परीक्षा की अवधि 150 मिनट होती है। KVS में कोई नकारात्मक अंकन नहीं है, जिससे उम्मीदवारों को जोखिम मुक्त तरीके से प्रश्नों का उत्तर देने का अवसर मिलता है।

DSSSB TGT परीक्षा पैटर्न

DSSSB TGT परीक्षा में 200 प्रश्न होते हैं:

  • सामान्य जागरूकता (20 प्रश्न)
  • तार्किक योग्यता (20 प्रश्न)
  • अंकगणितीय और संख्यात्मक योग्यता (20 प्रश्न)
  • हिंदी भाषा और समझ (20 प्रश्न)
  • अंग्रेजी भाषा और समझ (20 प्रश्न)
  • शिक्षण पद्धति (विषय-विशिष्ट) (100 प्रश्न)

प्रत्येक सही उत्तर के लिए 1 अंक दिया जाता है, लेकिन KVS के विपरीत, DSSSB में नकारात्मक अंकन है, जिसमें प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 0.25 अंक काटे जाते हैं। परीक्षा की अवधि 2 घंटे है।

2. शिक्षण पद्धति और विषय ज्ञान पर ध्यान दें

KVS TGT पाठ्यक्रम

KVS में शिक्षण पद्धति पर बहुत अधिक ध्यान दिया जाता है। KVS के शिक्षाशास्त्र अनुभाग में 40 प्रश्न हैं, जो निम्नलिखित विषयों को कवर करते हैं:

  • बाल विकास और शिक्षाशास्त्र की अवधारणाएँ
  • समावेशी शिक्षा
  • सीखने और मूल्यांकन के तरीके
  • शैक्षणिक प्रौद्योगिकी

KVS ऐसे शिक्षकों का चयन करना चाहता है जो बहुसांस्कृतिक वातावरण में छात्रों को पढ़ाने में सक्षम हों। इसलिए, समावेशी शिक्षा और बाल-केंद्रित शिक्षण पर जोर दिया जाता है।

DSSSB TGT पाठ्यक्रम

DSSSB TGT पाठ्यक्रम विषय-विशिष्ट ज्ञान पर अधिक ध्यान केंद्रित करता है। 200 प्रश्नों में से 100 प्रश्न उस विषय से हैं जिसे उम्मीदवार पढ़ाना चाहता है (जैसे अंग्रेजी, गणित, विज्ञान या सामाजिक विज्ञान)। इसके अतिरिक्त, शिक्षण पद्धति भाग उम्मीदवार के ज्ञान का परीक्षण करता है:

  • शिक्षण के सिद्धांत
  • शैक्षिक मनोविज्ञान
  • मूल्यांकन और मूल्यांकन तकनीकें

DSSSB दिल्ली के शैक्षिक मानकों के अनुसार विषय विशेषज्ञता और शिक्षण पर जोर देता है।

3. भाषा प्रवीणता और समझ

KVS TGT भाषा अनुभाग

KVS TGT परीक्षा सामान्य अंग्रेजी और सामान्य हिंदी अनुभागों के माध्यम से भाषा प्रवीणता का आकलन करती है, जिसमें प्रत्येक में 10 प्रश्न होते हैं। ये अनुभाग बुनियादी व्याकरण, समझ कौशल और शब्दावली का परीक्षण करते हैं। हालाँकि, भाषा अनुभाग का महत्व शिक्षण पद्धति और सामान्य ज्ञान से कम है।

DSSSSB TGT भाषा अनुभाग

इसके विपरीत, DSSSB भाषा प्रवीणता पर अधिक जोर देता है, जिसमें हिंदी भाषा और समझ और अंग्रेजी भाषा और समझ से 20-20 प्रश्न होते हैं। इस अनुभाग का उद्देश्य उम्मीदवारों को सक्षम बनाना है:

  • जटिल पाठ को समझना
  • व्याकरण संबंधी त्रुटियों को ठीक करना
  • अंशों का विश्लेषण करना
  • भाषा पर मजबूत पकड़ का प्रदर्शन करना

दिल्ली के बहुभाषी वातावरण को देखते हुए, DSSSB शिक्षकों से दोनों भाषाओं पर अच्छी पकड़ रखने की उम्मीद की जाती है।

4. सामान्य जागरूकता और तर्क क्षमता

KVS TGT सामान्य ज्ञान और समसामयिक मामले

KVS सामान्य ज्ञान और समसामयिक मामलों पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें 40 प्रश्न होते हैं। पाठ्यक्रम में शामिल हैं:

  • वर्तमान घटनाएँ (राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय)
  • इतिहास, भूगोल, राजनीति
  • पर्यावरण अध्ययन
  • भारतीय अर्थव्यवस्था

यह खंड वैश्विक और राष्ट्रीय परिदृश्य के बारे में उम्मीदवार की जागरूकता का परीक्षण करता है, जिससे KVS शिक्षक विभिन्न विषयों में पारंगत हो जाते हैं।

DSSSB TGT सामान्य जागरूकता

DSSSB के सामान्य जागरूकता खंड में 20 प्रश्न होते हैं, जो स्थानीय और राष्ट्रीय घटनाओं, इतिहास और सामान्य विज्ञान पर केंद्रित होते हैं। पाठ्यक्रम KVS की तुलना में कम व्यापक है, लेकिन प्रश्न दिल्ली से संबंधित घटनाओं के बारे में उम्मीदवार की समझ का परीक्षण करते हैं।

5. कंप्यूटर साक्षरता

KVS TGT कंप्यूटर ज्ञान

KVS में कंप्यूटर साक्षरता के लिए एक पूरा खंड है, जिसमें 10 प्रश्न हैं। यह दर्शाता है कि आज के समय में शिक्षकों के लिए डिजिटल कौशल कितना महत्वपूर्ण है। उम्मीदवारों से निम्नलिखित का ज्ञान होने की उम्मीद की जाती है:

  • बुनियादी कंप्यूटर संचालन
  • MS Office उपकरण
  • इंटरनेट और ईमेल संचालन

DSSSB TGT कंप्यूटर अनुभाग

DSSSB में कंप्यूटर साक्षरता के लिए एक अलग खंड नहीं है, लेकिन उम्मीदवारों से बुनियादी तकनीकी उपयोग का ज्ञान होने की उम्मीद की जाती है।

निष्कर्ष

KVS TGT पाठ्यक्रम और DSSSB TGT पाठ्यक्रम के बीच मुख्य अंतर फोकस क्षेत्रों में है। KVS राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा, शिक्षण पद्धति और सामान्य ज्ञान पर अधिक ध्यान केंद्रित करता है, जबकि DSSSB अधिक क्षेत्र-विशिष्ट है और विषय-विशिष्ट ज्ञान और भाषा दक्षता को अधिक महत्व देता है। दोनों परीक्षाओं के लिए संचित तैयारी की आवश्यकता होती है, लेकिन उम्मीदवारों की पसंद इस बात पर निर्भर करती है कि वे केंद्रीय विद्यालय या दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ाना चाहते हैं या नहीं।

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