10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (UDHR) को अपनाने और उद्घोषणा करने की स्मृति में मनाया जाता है। यह घोषणा मानवाधिकारों की पहली वैश्विक घोषणा थी और संयुक्त राष्ट्र की पहली बड़ी उपलब्धियों में से एक थी। मानवाधिकार दिवस को औपचारिक रूप से 4 दिसंबर 1950 को महासभा की 317वीं पूर्ण बैठक में प्रस्ताव 423(V) के माध्यम से स्थापित किया गया, जिसमें सभी सदस्य राज्यों और अन्य संगठनों को इस दिन को अपने तरीके से मनाने के लिए आमंत्रित किया गया।
यह दिन आमतौर पर उच्च-स्तरीय राजनीतिक सम्मेलनों और बैठकों, साथ ही मानवाधिकारों से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रदर्शनियों के साथ मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त, 10 दिसंबर को ही पांच वर्षीय संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार पुरस्कार और नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। इस दिन को मनाने के लिए कई सरकारी और गैर-सरकारी संगठन विशेष कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
मानवाधिकार दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में इन अधिकारों के प्रति सम्मान और जागरूकता को बढ़ाना है। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों, सम्मेलन और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, जो मानवाधिकारों से जुड़े मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करते हैं। इसके साथ ही, इस दिन को मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा विभिन्न पुरस्कार भी जैसे कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार पुरस्कार और नोबेल शांति पुरस्कार आदि दिए जाते है।
मानवाधिकार दिवस 2024 का विषय
2024 का विषय “हमारे अधिकार, हमारा भविष्य, अभी” है, जो मानवाधिकार शिक्षा में त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता को दर्शाता है। इस वर्ष का अभियान मानवाधिकारों के वास्तविक प्रभाव को प्रदर्शित करने पर केंद्रित है, जिसमें सफल उदाहरणों और समाधानों को साझा किया जाएगा। इसका उद्देश्य लोगों को कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करना, गलत धारणाओं को दूर करना और वैश्विक मानवाधिकार आंदोलन को और मजबूत करना है।
इतिहास
1948 में, मानवाधिकार दिवस के दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अपनाया। तत्पश्चात 1950 में महासभा ने यह प्रस्ताव 423(V) पारित कर हर वर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया।
यह दिन इतना लोकप्रिय है कि 1952 में संयुक्त राष्ट्र डाक प्रशासन द्वारा जारी मानवाधिकार दिवस के स्मारक डाक टिकट की लगभग 2,00,000 अग्रिम मांगें आई थीं।
घोषणा को अपनाते समय इसे “सभी लोगों और सभी राष्ट्रों के लिए एक सामान्य आदर्श” घोषित किया गया था, जिसके प्रति व्यक्तियों और समाजों को प्रगतिशील उपायों के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसे पहचानने और लागू करने का प्रयास करना चाहिए।
हालांकि यह घोषणा कानूनी रूप से बाध्यकारी दस्तावेज़ नहीं है, लेकिन इसने 60 से अधिक मानवाधिकार साधनों को प्रेरित किया है, जो आज अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों का निर्माण करते हैं।
महत्व
मानवाधिकार दिवस का महत्व इस बात में है कि यह हमें याद दिलाता है कि हर इंसान को स्वतंत्रता, समानता, सम्मान और अधिकार मिलने चाहिए। यह दिन हमें उन देशों और व्यक्तियों की संघर्षों और प्रयासों को याद दिलाता है, जो मानवाधिकारों की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं। यह दिन यह भी दर्शाता है कि मानवाधिकार केवल एक कानूनी दस्तावेज़ नहीं, बल्कि जीवन जीने का तरीका है, जिससे हर किसी को समान अवसर, सुरक्षा और सम्मान मिलता है।
वर्तमान महत्व
आज भी दुनिया में गरीबी सबसे बड़ी मानवाधिकार चुनौती बनी हुई है। इसे एक मानवाधिकार दायित्व के रूप में देखना और मिटाना आवश्यक है। 2006 में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त लुईस आर्बर ने कहा था: “गरीबी उन्मूलन एक प्राप्त करने योग्य लक्ष्य है।”
2008 में सार्वभौमिक घोषणा की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर महासचिव ने एक साल लंबा अभियान चलाया ताकि लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जा सके।
अन्य देशों में तिथि अंतर
- दक्षिण अफ्रीका में मानवाधिकार दिवस 21 मार्च को मनाया जाता है, जो 1960 के शार्पविल नरसंहार की याद में है। यह नरसंहार दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद विरोधी प्रदर्शनों के परिणामस्वरूप हुआ था।
- किरिबाती में यह दिन 11 दिसंबर को मनाया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC)
UNHRC संयुक्त राष्ट्र का एक अंतर-सरकारी निकाय है, जिसमे विश्वभर में मानव के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने के लिए कार्य किया जाता है। इसे 2006 में स्थापित किया गया था, और इसमें 47 सदस्य देश शामिल हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा चुना जाता है। यह परिषद मानवाधिकार उल्लंघनों की समीक्षा करती है, और देशों को अपने कृत्यों के लिए जिम्मेदार ठहराती है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
1993 में भारत का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) स्थापित किया गया था, इसका उद्देश्य देश में मानव के अधिकारों को सुरक्षित करना तथा उन्हें बढ़ावा देना है। NHRC मानवाधिकार उल्लंघनों की शिकायतों की जांच करता है, और सरकार को मानवाधिकार प्रथाओं में सुधार के लिए सुझाव देता है।
इस प्रकार, मानवाधिकार दिवस हर साल हमें हमारे अधिकारों की याद दिलाता है और हमें यह सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करता है कि हर व्यक्ति को समान और न्यायपूर्ण तरीके से जीने का अधिकार मिले।
30 मानवाधिकार क्या हैं?
मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (UDHR) के तहत 30 अधिकार दिए गए हैं, जो प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता की रक्षा करते हैं। इन अधिकारों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के समान अवसर मिले। ये अधिकार इस प्रकार हैं:
- स्वतंत्रता और समानता का अधिकार (अनुच्छेद 1): हर व्यक्ति को स्वतंत्रता और समानता का अधिकार है, और सभी मानवों को जन्म से ही समान अधिकार प्राप्त होते हैं।
- भेदभाव से मुक्ति (अनुच्छेद 2): कोई भी व्यक्ति किसी भी कारण जैसे जाति, धर्म, लिंग या राष्ट्रीयता के आधार पर भेदभाव का शिकार नहीं होना चाहिए।
- जीवन, स्वतंत्रता और सुरक्षा का अधिकार (अनुच्छेद 3): हर व्यक्ति को जीवन, स्वतंत्रता और सुरक्षा का अधिकार है, और किसी भी व्यक्ति को अवैध रूप से क़ैद नहीं किया जा सकता।
- गुलामी से मुक्ति (अनुच्छेद 4): कोई भी व्यक्ति गुलामी में नहीं रखा जा सकता, और गुलामी या व्यापार के रूप में शोषण की कोई भी गतिविधि अवैध है।
- यातना या क्रूर व्यवहार से मुक्ति (अनुच्छेद 5): किसी भी व्यक्ति को यातना या क्रूर, अमानवीय या अपमानजनक व्यवहार या सजा का शिकार नहीं बनाया जा सकता।
- कानून के समक्ष मान्यता का अधिकार (अनुच्छेद 6): हर व्यक्ति को कानून के समक्ष बराबरी से मान्यता प्राप्त है और उसे कानून में समान अधिकार मिलने चाहिए।
- कानून के तहत समान संरक्षण (अनुच्छेद 7): हर व्यक्ति को कानून के तहत समान सुरक्षा प्राप्त होनी चाहिए और किसी को भी कानून से बाहर नहीं रखा जा सकता।
- प्रभावी कानूनी उपचार का अधिकार (अनुच्छेद 8): हर व्यक्ति को प्रभावी कानूनी उपायों का अधिकार है, अगर उसके अधिकारों का उल्लंघन किया जाता है।
- मनमाने ढंग से गिरफ्तारी या नजरबंदी से स्वतंत्रता (अनुच्छेद 9): किसी भी व्यक्ति को बिना उचित कारण के गिरफ्तार या नजरबंद नहीं किया जा सकता।
- निष्पक्ष और सार्वजनिक सुनवाई का अधिकार (अनुच्छेद 10): हर व्यक्ति को निष्पक्ष और सार्वजनिक सुनवाई का अधिकार है, ताकि न्याय मिल सके।
- निर्दोषता की धारणा (अनुच्छेद 11): किसी व्यक्ति को दोषी साबित होने से पहले निर्दोष माना जाएगा।
- गोपनीयता का अधिकार और हमलों से सुरक्षा (अनुच्छेद 12): हर व्यक्ति को अपने व्यक्तिगत जीवन और परिवार की गोपनीयता की सुरक्षा का अधिकार है, और उसे किसी भी प्रकार के अवैध हमलों से सुरक्षा मिलनी चाहिए।
- आवागमन और निवास की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 13): हर व्यक्ति को किसी भी स्थान पर जाने और वहां रहने की स्वतंत्रता का अधिकार है।
- शरण लेने का अधिकार (अनुच्छेद 14): अगर कोई व्यक्ति अपने देश में प्रताड़ित हो रहा हो, तो उसे अन्य देशों में शरण लेने का अधिकार है।
- राष्ट्रीयता का अधिकार (अनुच्छेद 15): हर व्यक्ति को एक राष्ट्रीयता रखने का अधिकार है, और किसी को भी अवैध रूप से अपनी राष्ट्रीयता से वंचित नहीं किया जा सकता।
- विवाह और परिवार का अधिकार (अनुच्छेद 16): प्रत्येक व्यक्ति को विवाह करने और अपने परिवार की स्थापना करने का अधिकार है।
- संपत्ति का स्वामित्व का अधिकार (अनुच्छेद 17): हर व्यक्ति को संपत्ति रखने और उसका स्वामित्व प्राप्त करने का अधिकार है।
- विचार, विवेक और धर्म की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 18): हर व्यक्ति को अपने विचारों, विश्वासों और धर्म को चुनने की स्वतंत्रता का अधिकार है।
- राय और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19): हर व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से राय व्यक्त करने और सूचना प्राप्त करने का अधिकार है।
- शांतिपूर्ण सभा और संघ की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 20): हर व्यक्ति को शांतिपूर्ण सभा करने और संघ बनाने का अधिकार है।
- सरकार में भागीदारी का अधिकार (अनुच्छेद 21): हर व्यक्ति को अपने देश की सरकार में भाग लेने और चुनावों में हिस्सा लेने का अधिकार है।
- सामाजिक सुरक्षा का अधिकार (अनुच्छेद 22): हर व्यक्ति को सामाजिक सुरक्षा प्राप्त करने का अधिकार है, जिससे उसकी बुनियादी जरूरतें पूरी हो सकें।
- काम करने और निष्पक्ष रोजगार का अधिकार (अनुच्छेद 23): हर व्यक्ति को काम करने, अच्छे कामकाजी परिस्थितियों में काम करने और निष्पक्ष मजदूरी का अधिकार है।
- आराम और अवकाश का अधिकार (अनुच्छेद 24): हर व्यक्ति को काम से आराम और अवकाश लेने का अधिकार है।
- समुचित जीवन स्तर का अधिकार (अनुच्छेद 25): हर व्यक्ति को एक उचित जीवन स्तर प्राप्त करने का अधिकार है, जिसमें भोजन, कपड़े, आवास और चिकित्सा शामिल हैं।
- शिक्षा का अधिकार (अनुच्छेद 26): हर व्यक्ति को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है, और शिक्षा का उद्देश्य मानवीय विकास और अधिकारों का प्रचार करना है।
- सांस्कृतिक भागीदारी और बौद्धिक संपत्ति के संरक्षण का अधिकार (अनुच्छेद 27): हर व्यक्ति को सांस्कृतिक जीवन में भाग लेने और अपनी बौद्धिक संपत्ति की रक्षा करने का अधिकार है।
- अधिकारों की प्राप्ति के लिए सामाजिक और अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का अधिकार (अनुच्छेद 28): हर व्यक्ति को अपनी अधिकारों की प्राप्ति के लिए उचित सामाजिक और अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का अधिकार है।
- समुदाय के प्रति कर्तव्य (अनुच्छेद 29): प्रत्येक व्यक्ति को अपने समुदाय के प्रति कर्तव्य निभाने का अधिकार है, ताकि समाज में सम्मान और न्याय बना रहे।
- अधिकारों को नष्ट करने वाले कृत्यों के विरुद्ध संरक्षण (अनुच्छेद 30): किसी भी व्यक्ति या समूह को मानवाधिकारों के उल्लंघन से बचाने के लिए हर कदम उठाना जरूरी है, और ऐसे कृत्यों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
ये 30 अधिकार सभी मानवों को समान और स्वतंत्र जीवन जीने का अवसर प्रदान करते हैं और उनके मौलिक अधिकारों की सुरक्षा करते हैं।
मानवाधिकार दिवस पर प्रमुख गतिविधियाँ
- सम्मेलन और बैठकें – विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठन इस दिन पर मानवाधिकारों पर आधारित सम्मेलन और बैठकें आयोजित करते हैं।
- शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम – स्कूलों, कॉलेजों और संगठनों में मानवाधिकारों के बारे में शिक्षा देने वाले कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
- विशेष पुरस्कार – संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठन इस दिन पर मानवाधिकार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित करते हैं, जैसे कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार पुरस्कार और नोबेल शांति पुरस्कार।
- कला और सांस्कृतिक कार्यक्रम – सांस्कृतिक आयोजनों और प्रदर्शनियों के माध्यम से मानवाधिकारों से जुड़े संदेशों को जनमानस तक पहुंचाया जाता है।
निष्कर्ष
मानवाधिकार दिवस सिर्फ एक तारीख नहीं है, बल्कि यह मानवता के लिए एक प्रेरणा है। यह हमें याद दिलाता है कि हर व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के समान अधिकार मिलना चाहिए। मानवाधिकारों की रक्षा करना और इसे बढ़ावा देना सभी का कर्तव्य है, ताकि हम एक न्यायपूर्ण और समान समाज का निर्माण कर सकें।
सामान्य प्रश्न (FAQs)
1. मानवाधिकार दिवस क्यों मनाया जाता है?
10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है, इस दिन 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अपनाया था।
2. क्या मानवाधिकार दिवस एक सरकारी छुट्टी है?
यह दिन कई देशों में एक सरकारी छुट्टी नहीं है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों द्वारा इसे एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में मनाया जाता है।
3. मानवाधिकार दिवस पर क्या गतिविधियाँ होती हैं?
इस दिन को मनाने के लिए उच्च-स्तरीय सम्मेलन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पुरस्कार समारोह और जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं।
4. क्या मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा कानून के रूप में लागू होती है?
नहीं, मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा एक निर्देशिका दस्तावेज़ है और यह कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है, लेकिन इसने दुनिया भर में मानवाधिकारों के लिए कई अंतरराष्ट्रीय संधियों और क़ानूनों का आधार प्रदान किया है।
5. क्या मानवाधिकार दिवस के साथ कोई पुरस्कार दिए जाते हैं?
हां, इस दिन पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार पुरस्कार और नोबेल शांति पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार दिए जाते हैं।