क्रिसमस डे, जिसे ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय और पवित्र त्योहारों में से एक है। हर साल 25 दिसंबर को यह पर्व बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। इस दिन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है, और इसे ईसाई समुदाय के साथ-साथ अन्य धर्मों के लोग भी धूमधाम से मनाते हैं।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
प्राचीन समय में, ईसाई इस पर्व की तिथि पर सहमत नहीं थे। 4th शताब्दी में, पोप जूलियस प्रथम ने 25 दिसंबर को आधिकारिक तिथि के रूप में तय किया।मध्यकालीन काल में, क्रिसमस पर सामूहिक भोज, उपहारों का आदान-प्रदान और गाने की परंपराएं जुड़ीं।
नाम और उत्पत्ति
- “क्रिसमस” शब्द “क्राइस्ट्स मास” (Christ’s Mass) से आया है।
- इसे “नैटिविटी” (जन्म) और “यूल” जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है।
- “एक्समस” (Xmas) शब्द ग्रीक अक्षर “Χ” (Chi) से लिया गया है।
धार्मिक महत्व
- यह ईसाई धर्म का एक प्रमुख पर्व है और इसकी तैयारी “एडवेंट” के पहले रविवार से शुरू होती है।
- ईसाई मान्यताओं के अनुसार, ईसा मसीह का जन्म बेथलहम में हुआ था, जैसा कि बाइबिल में लिखा गया है।
तिथि का चयन
- 25 दिसंबर को पहली बार 4वीं शताब्दी में रोम में ईसा मसीह के जन्मदिवस के रूप में चुना गया।
- यह तिथि शीतकालीन संक्रांति और रोमन उत्सव “सोल इनविक्टस” के साथ मेल खाती है।
17वीं और 18वीं शताब्दी में क्रिसमस डे
प्रोटेस्टेंट सुधार के बाद, क्रिसमस को विभिन्न चर्चों द्वारा मनाया जाता रहा, जैसे एंग्लिकन और लूथरन चर्च। हालांकि, इंग्लैंड में पुरीतनों ने इसे एक कैथोलिक प्रथा मानते हुए प्रतिबंधित किया, और 1647 में क्रिसमस पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। इसके विरोध में क्रिसमस का उत्सव जारी रहा, और 1660 में किंग चार्ल्स द्वितीय की वापसी के साथ इसे फिर से मनाना शुरू हुआ। स्कॉटलैंड में क्रिसमस 1640 में खत्म कर दिया गया था, लेकिन 1871 में इसे बैंक अवकाश के रूप में पुनः लागू किया गया।
उपनिवेशी अमेरिका में भी, पुरीतनों ने क्रिसमस का विरोध किया, और बोस्टन में 1659 में इसे प्रतिबंधित कर दिया गया। हालांकि, अन्य क्षेत्रों में जैसे वर्जीनिया और न्यू यॉर्क, क्रिसमस मनाया जाता था।
19वीं शताब्दी में, चार्ल्स डिकेंस और अन्य लेखकों ने क्रिसमस को परिवार, दया और उपहार देने के साथ जोड़कर इसे लोकप्रिय बनाया। ब्रिटेन और अमेरिका में क्रिसमस पेड़ की परंपरा भी इस समय शुरू हुई।
क्रिसमस का इतिहास और विकास
अमेरिका में 1820 के दशक में वाशिंगटन इर्विंग की कहानियों से क्रिसमस का उत्साह फिर से जागा। इर्विंग की कहानियाँ इंग्लैंड की पारंपरिक क्रिसमस की घटनाओं पर आधारित थीं। 1822 में क्लेमेंट क्लार्क मूर ने “A Visit from St. Nicholas” (जिसे “Twas the Night Before Christmas” के नाम से भी जाना जाता है) लिखी, जिससे उपहार देने की परंपरा को बढ़ावा मिला। 1850 में हैरिएट बीचर स्टोव ने अपनी किताब में शॉपिंग के कारण क्रिसमस के वास्तविक अर्थ के खोने की बात की।
1860 तक, अमेरिका के कई राज्यों में क्रिसमस को एक कानूनी छुट्टी के रूप में अपनाया गया था। 1870 में क्रिसमस को अमेरिका में एक संघीय छुट्टी घोषित किया गया।
20वीं शताब्दी में, विश्व युद्ध के दौरान 1914 में युद्धरत सैनिकों के बीच अनौपचारिक क्रिसमस ट्रूसेस (सीधी बातचीत और उपहारों का आदान-प्रदान) हुआ, जो मानवता का प्रतीक बन गया। सोवियत संघ में क्रिसमस उत्सवों पर प्रतिबंध था, जो 1991 में खत्म हुआ।
आजकल, क्रिसमस दुनिया भर में मनाया जाता है, भले ही वहां की आबादी मुख्य रूप से ईसाई न हो। जापान और तुर्की जैसे देशों में क्रिसमस की संस्कृति को अपनाया गया है, जैसे कि उपहार देना, सजावट और क्रिसमस ट्री। कई गैर-ईसाई परंपराएँ भी क्रिसमस उत्सव में शामिल हो गई हैं।
क्रिसमस, एक धार्मिक उत्सव के रूप में, चर्च सेवा में भाग लेने के साथ मनाया जाता है, जो ईसाई समुदाय के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है।
क्रिसमस का महत्व
क्रिसमस डे ईसा मसीह, जिन्हें प्रभु यीशु के नाम से भी जाना जाता है, के जन्म का उत्सव है। यीशु मसीह ने प्रेम, क्षमा, और शांति का संदेश दिया। ईसाई मान्यताओं के अनुसार, यीशु का जन्म इस धरती पर मानवता को पापों से मुक्त करने के लिए हुआ था।
परंपराएं और रीति-रिवाज
- सजावट: क्रिसमस ट्री, रोशनी, और मोजे सजाए जाते हैं।
- उपहार: सांता क्लॉज और सेंट निकोलस जैसे पात्रों द्वारा बच्चों को उपहार दिए जाते हैं।
- धार्मिक अनुष्ठान: चर्च में प्रार्थनाएं और मिडनाइट मास आयोजित की जाती है।
- भोजन: विशेष भोज, मिठाइयां, और केक तैयार किए जाते हैं।
- सांस्कृतिक गतिविधियां: क्रिसमस कैरोल्स, नाटकों और फिल्मों का आयोजन होता है।
आर्थिक प्रभाव
- क्रिसमस व्यापार और खुदरा विक्रेताओं के लिए एक महत्वपूर्ण समय है।
- यह पर्व उपहारों, सजावट, और भोजन की बिक्री में बड़ी वृद्धि लाता है।
सांस्कृतिक विविधता
- क्रिसमस की परंपराएं विभिन्न देशों में अलग-अलग हैं। इनमें प्री-ईसाई, ईसाई, और धर्मनिरपेक्ष परंपराओं का मिश्रण देखने को मिलता है।
आधुनिक प्रभाव
- पिछले कुछ सदियों में, क्रिसमस का प्रभाव और व्यावसायीकरण तेजी से बढ़ा है।
- यह पर्व अब धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों ही दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण हो गया है।
क्रिसमस डे की तैयारी
क्रिसमस से पहले का समय “एडवेंट” कहलाता है, जो चार सप्ताह तक चलता है। इस दौरान लोग प्रार्थना, उपवास और दान के माध्यम से इस पवित्र पर्व की तैयारी करते हैं। घरों और गिरजाघरों को रोशनी, क्रिसमस ट्री, और सजावटी सामग्रियों से सजाया जाता है।
क्रिसमस ट्री और सजावट
क्रिसमस ट्री इस पर्व का प्रमुख प्रतीक है। इसे रंगीन बल्ब, सितारों, घंटियों और तोहफों से सजाया जाता है। तारे को यीशु के जन्म के समय आसमान में दिखाई देने वाले चमकते सितारे का प्रतीक माना जाता है।
क्रिसमस की परंपराएं
- मिडनाइट मास: 24 दिसंबर की रात को गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की जाती है।
- भोजन और उत्सव: परिवार और दोस्तों के साथ विशेष भोज का आयोजन होता है, जिसमें केक, कुकीज, और पारंपरिक व्यंजन शामिल होते हैं।
- गिफ्ट एक्सचेंज: बच्चों के लिए सांता क्लॉज का आगमन होता है, जो उन्हें उपहार और खुशियां बांटते हैं।
क्रिसमस डे का संदेश
क्रिसमस हमें प्रेम, करुणा, और मानवता की सेवा करने की प्रेरणा देता है। यह त्योहार सभी धर्मों और संस्कृतियों के बीच मेल-जोल और शांति का प्रतीक है।
निष्कर्ष
क्रिसमस केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि यह एक ऐसा अवसर है जो हमें एकता, दया और खुशियां फैलाने का संदेश देता है। चाहे आप किसी भी धर्म या पंथ के हों, क्रिसमस का उत्सव हर दिल को छूने वाला और उमंग से भरने वाला होता है। इस पर्व के माध्यम से हम जीवन में खुशियों और अच्छाई को अपनाने की प्रेरणा लेते हैं।