21 जनवरी का दिन पूर्वोत्तर भारत के लिए अत्यंत खास है, क्योंकि यह त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय के पूर्ण राज्य के रूप में वर्षगांठ का प्रतीक है। ये तीन राज्य अपनी अनूठी सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाने जाते हैं, जो भारत की विविधता को समृद्ध करते हैं।
स्थापना दिवस का महत्व और उत्सव
स्थापना दिवस इन राज्यों में गर्व और सांस्कृतिक उत्सव का प्रतीक है। इस दिन इन तीनों राज्यों में पारंपरिक नृत्य, संगीत, परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। लोग अपनी विरासत और भारतीय संघ में अपने योगदान को गर्व से मनाते हैं।
राज्य बनने की ऐतिहासिक यात्रा
21 जनवरी, 1972 को उत्तर-पूर्वी क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम, 1971 के तहत त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। इससे पहले, त्रिपुरा और मणिपुर को 1949 में भारत में शामिल कर केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था।
अन्य राज्यों का गठन
- नागालैंड: 1 दिसंबर, 1963 को राज्य बना।
- मेघालय: 1969 में आसाम पुनर्गठन (मेघालय) अधिनियम के तहत स्वायत्त राज्य बना और 1972 में पूर्ण राज्य का दर्जा मिला।
- मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश: 1987 में पूर्ण राज्य बने।
त्रिपुरा: विविधताओं का प्रदेश
- भौगोलिक स्थिति:
- त्रिपुरा का कुल क्षेत्रफल 10,491 वर्ग किलोमीटर है और यह बांग्लादेश से उत्तर, पश्चिम और दक्षिण में घिरा हुआ है।
- यह असम और मिज़ोरम के साथ अपनी पूर्वी सीमा साझा करता है।
- यहां की जलवायु उष्णकटिबंधीय सवाना प्रकार की है, जहां मानसून सबसे लंबा रहता है।
- ऐतिहासिक दृष्टिकोण:
- त्रिपुरा का उल्लेख महाभारत और सम्राट अशोक के स्तंभ अभिलेखों में मिलता है।
- माणिक्य वंश के 179-184 राजाओं ने यहां 3000 वर्षों तक शासन किया।
- 19वीं शताब्दी में त्रिपुरा की राजधानी को अगरतला स्थानांतरित किया गया।
- समाज और संस्कृति:
- त्रिपुरा में 19 जनजातियाँ निवास करती हैं, जिनमें ट्रिपुरी, चाकमा, और रीयांग प्रमुख हैं।
- यहां का समाज विभिन्न सांस्कृतिक और पारंपरिक नृत्यों से समृद्ध है।
- अर्थव्यवस्था:
- राज्य की 64% आबादी कृषि पर निर्भर है। प्रमुख फसलें चावल, आलू और गन्ना हैं।
मणिपुर: भारत का “जवाहर”
- भौगोलिक स्थिति:
- मणिपुर का क्षेत्रफल 22,327 वर्ग किलोमीटर है और यह नागालैंड, मिज़ोरम, असम और म्यांमार के साथ अपनी सीमाएँ साझा करता है।
- राज्य में लोकटक झील, भारत की सबसे बड़ी ताजे पानी की झील, और दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान केयबुल लामजाओ स्थित है।
- ऐतिहासिक महत्व:
- मणिपुर का गठन 10 कबीलाई समुदायों के एकीकरण से हुआ था। यह द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी और मित्र सेनाओं के बीच युद्धस्थल भी रहा।
- 1949 में महाराजा बोधचंद्र ने भारत में विलय के लिए समझौता किया।
- संस्कृति:
- मणिपुर के रासलीला और मणिपुरी नृत्य भारत के प्रमुख शास्त्रीय नृत्यों में शामिल हैं।
- लई हरोबा उत्सव जीवन के सृजन को प्रदर्शित करने वाला एक पारंपरिक नृत्य-नाटक है।
- सिरोई लिली और संगाई हिरण राज्य की विशिष्ट जैव विविधताओं का प्रतीक हैं।
मेघालय: बादलों का निवास
- भौगोलिक स्थिति:
- मेघालय का क्षेत्रफल 22,429 वर्ग किलोमीटर है और यह असम और बांग्लादेश से घिरा हुआ है।
- राज्य का सबसे ऊँचा शिखर शिलांग पीक है, जिसकी ऊँचाई 1,965 मीटर है।
- यहां का अधिकांश भाग जंगलों से आच्छादित है और इसे मेघालय पठार भी कहा जाता है।
- समाज और संस्कृति:
- मेघालय का समाज भारत में इकलौता मातृसत्तात्मक समाज है।
- यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं: खासी, गारो और जैंतिया, जिनकी भाषाएँ और परंपराएँ अद्वितीय हैं।
- राज्य में दहेज प्रथा नहीं है और महिलाओं को समाज में विशेष सम्मान प्राप्त है।
- पर्यावरण और चुनौतियां:
- मेघालय भारत का सबसे गीला क्षेत्र है और यहां की चेरापूंजी और मॉसिनराम विश्व में सबसे अधिक वर्षा प्राप्त करने वाले स्थान हैं।
- हालांकि, राज्य में जनसंख्या वृद्धि और प्रवासन के कारण सामाजिक और आर्थिक असंतुलन की चुनौतियाँ हैं।
निष्कर्ष
त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय, अपने समृद्ध इतिहास, विविध सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता के कारण भारतीय संघ के लिए अद्वितीय योगदान देते हैं। इन राज्यों का स्थापना दिवस हमें उनकी विशेषताओं को मनाने और उनके विकास की संभावनाओं पर विचार करने का अवसर प्रदान करता है।
त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय का तुलनात्मक विवरण
राज्य | क्षेत्रफल (किमी²) | राजधानी | प्रमुख जनजातियाँ | विशेषताएँ |
त्रिपुरा | 10,491 | अगरतला | ट्रिपुरी, चाकमा, रीयांग | उष्णकटिबंधीय जलवायु, 19 जनजातियाँ |
मणिपुर | 22,327 | इम्फाल | मणिपुरी, मैतेई | लोकटक झील, मणिपुरी नृत्य |
मेघालय | 22,429 | शिलांग | खासी, गारो, जैंतिया | चेरापूंजी, मातृसत्तात्मक समाज |
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