अलेक्जेंडर ग्राहम बेल (3 मार्च 1847 – 2 अगस्त 1922) एक स्कॉटिश मूल के कनाडाई-अमेरिकी वैज्ञानिक, इंजीनियर और आविष्कारक थे, जिन्हें टेलीफोन के आविष्कारक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने 1885 में अमेरिकन टेलीफोन एंड टेलीग्राफ कंपनी (AT&T) की सह-स्थापना भी की।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
बेल का जन्म एडिनबर्ग, स्कॉटलैंड में हुआ था। उनके परिवार में भाषण और श्रवण से संबंधित कार्यों की गहरी रुचि थी। उनकी माँ और पत्नी दोनों बहरी थीं, जिसने उन्हें ध्वनि और संचार पर शोध करने के लिए प्रेरित किया। बचपन में ही वे विज्ञान में रुचि लेने लगे और 12 वर्ष की उम्र में उन्होंने अनाज से भूसा अलग करने की मशीन बनाई।
बेल ने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में अध्ययन किया और भाषण कला (elocution) में दक्षता हासिल की। उनकी रुचि ध्वनि और विद्युत संचार में थी, जिसने आगे चलकर टेलीफोन के आविष्कार की नींव रखी।
ध्वनि पर प्रारंभिक प्रयोग
1863 में, बेल ने एक “मैकेनिकल मैन” को देखा, जो कृत्रिम रूप से मानव आवाज निकाल सकता था। इससे प्रेरित होकर, उन्होंने और उनके भाई ने एक बोलने वाला सिर बनाया। उन्होंने अपने पालतू कुत्ते को भी प्रशिक्षित किया कि वह नियंत्रित ध्वनियों की नकल कर सके।
19 वर्ष की उम्र में, उन्होंने ध्वनि संचरण पर अपना शोध प्रस्तुत किया, जिससे उन्हें विद्युत ध्वनि प्रसारण की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली।
कनाडा प्रवास और वैज्ञानिक अनुसंधान
1867 में, उनके भाई एडवर्ड की क्षय रोग (टीबी) से मृत्यु हो गई, और 1870 में उनके बड़े भाई मेलविल भी इसी बीमारी से चल बसे। उनके पिता ने उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए परिवार को कनाडा स्थानांतरित करने का निर्णय लिया।
बेल ने बोस्टन के स्कूल ऑफ़ वोकल फिजियोलॉजी एंड मैकेनिक्स ऑफ़ स्पीच की स्थापना की और बधिरों के लिए विशेष शिक्षा प्रणाली विकसित की। उनकी प्रसिद्ध छात्रा हेलेन केलर थीं, जिन्होंने बाद में बेल को अपना प्रेरणास्रोत माना।
टेलीफोन का आविष्कार
1874 में, बेल ने हार्मोनिक टेलीग्राफ पर प्रयोग शुरू किए। 2 जून 1875 को, जब उनके सहायक थॉमस वॉटसन ने गलती से एक धातु की पट्टी को छुआ, तो बेल ने तार के दूसरी ओर ध्वनि सुनी। इस घटना ने टेलीफोन के आविष्कार का मार्ग प्रशस्त किया।
7 मार्च 1876 को, उन्हें टेलीफोन का पहला अमेरिकी पेटेंट मिला। 10 मार्च 1876 को, उन्होंने अपनी पहली सफल टेलीफोन कॉल की और वॉटसन से कहा – “Mr. Watson, come here, I want to see you” (श्री वॉटसन, यहाँ आइए, मैं आपको देखना चाहता हूँ)।
टेलीफोन का प्रचार और विस्तार
बेल ने टेलीफोन को जनता और वैज्ञानिकों के सामने प्रदर्शित किया। 1876 में, उन्होंने फिलाडेल्फिया शताब्दी प्रदर्शनी में इसे प्रस्तुत किया, जहाँ ब्राज़ील के सम्राट पेड्रो द्वितीय और वैज्ञानिक विलियम थॉमसन (लॉर्ड केल्विन) ने इसे विद्युत संचार की सबसे बड़ी खोज बताया।
1877 में, बेल टेलीफोन कंपनी की स्थापना हुई, और 1886 तक अमेरिका में 1.5 लाख लोग टेलीफोन का उपयोग करने लगे। 25 जनवरी 1915 को, बेल ने न्यूयॉर्क से सैन फ्रांसिस्को (3400 मील) तक पहली अंतरमहाद्वीपीय कॉल की।
कानूनी विवाद और प्रतिस्पर्धा
बेल के टेलीफोन आविष्कार को लेकर कई वैज्ञानिकों ने दावा किया। 18 वर्षों में 587 मुकदमे चले, जिनमें से 5 अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे। हालांकि, बेल टेलीफोन कंपनी कोई मुकदमा नहीं हारी।
एंटोनियो मेउच्ची ने भी दावा किया कि उन्होंने 1834 में पहला टेलीफोन बनाया था, लेकिन वे इसे साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं जुटा सके।
बेल की अन्य खोजें और योगदान
बेल ने केवल टेलीफोन ही नहीं, बल्कि अन्य वैज्ञानिक क्षेत्रों में भी क्रांतिकारी योगदान दिया:
- ऑप्टिकल दूरसंचार – उन्होंने प्रकाश आधारित संचार प्रणाली विकसित की।
- हाइड्रोफॉयल और वायुयान – उन्होंने नौकाओं और हवाई जहाजों के लिए नई तकनीकों पर कार्य किया।
- नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी – वे इसके दूसरे अध्यक्ष (1898-1903) बने और पत्रिका को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मृत्यु और विरासत
2 अगस्त 1922 को, 75 वर्ष की आयु में, बेल की डायबिटीज़ के कारण मृत्यु हो गई। उनके अंतिम संस्कार के दौरान पूरे उत्तरी अमेरिका में एक मिनट के लिए सभी टेलीफोन बंद कर दिए गए।
उनके सम्मान में बनाए गए स्मारक:
- अलेक्जेंडर ग्राहम बेल राष्ट्रीय ऐतिहासिक स्थल, कनाडा
- बेल होमस्टेड राष्ट्रीय ऐतिहासिक स्थल, ब्रैंटफोर्ड, ओंटारियो
- बेल टेलीफोन मेमोरियल, 1917
बेल को कई पुरस्कार मिले, जिनमें 1880 में वोल्टा पुरस्कार और 1914 में एआईईई का एडिसन पदक शामिल हैं। उनके नाम पर “बेल” (B) और “डेसीबेल” (dB) ध्वनि मापने की इकाइयाँ बनाई गईं।
निष्कर्ष
अलेक्जेंडर ग्राहम बेल के आविष्कारों ने आधुनिक दूरसंचार की नींव रखी। उनका योगदान न केवल टेलीफोन तक सीमित रहा, बल्कि विज्ञान और तकनीक के कई अन्य क्षेत्रों में भी उन्होंने महत्वपूर्ण कार्य किए। आज, उनकी खोजों की बदौलत दुनिया एक-दूसरे से जुड़ी हुई है, और वे हमेशा दूरसंचार क्रांति के अग्रदूत के रूप में याद किए जाएंगे।