बलराम ताल योजना मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2007 में शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका उद्देश्य वर्षा जल संरक्षण के माध्यम से क्षेत्र में कृषि गतिविधियों को स्थायी समर्थन प्रदान करना है।
योजना क्यों शुरू की गई?
योजना के माध्यम से जल स्तर को बढ़ाना है। साथ ही किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल सके। इन तालाबों के माध्यम से न केवल खेत में सिंचाई की जा सकती है, बल्कि इसके आसपास के कुओं और नलकूपों का जल स्तर बढ़ाने में भी मदद मिलती है।
योजना के लाभ
- सूखे की रोकथाम: तालाबों में संग्रहीत वर्षा जल का उपयोग सूखे की स्थिति में सिंचाई के लिए किया जा सकता है, जिससे फसल उत्पादन बढ़ता है और किसानों की आय में वृद्धि होती है।
- भूमिगत जल स्तर में वृद्धि: तालाबों से रिसने वाला पानी भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे कुओं और बावड़ियों में पानी की उपलब्धता बढ़ जाती है।
- मिट्टी के कटाव में कमी: तालाब मिट्टी को कटाव से बचाने में मदद करते हैं, जिससे मिट्टी का कटाव कम होता है और मिट्टी की उर्वरता में सुधार होता है।
- पशुओं के लिए पीने का पानी: तालाबों का उपयोग पशुओं को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए भी किया जा सकता है।
- मछली पालन: तालाबों में मछली पालन भी किया जा सकता है, जिससे किसानों को अतिरिक्त आय होती है।
बलराम ताल योजना के तहत सहायता
- योजना के तहत तालाब निर्माण के लिए किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- सहायता की राशि तालाब के आकार और किसान की भूमि की वहन क्षमता पर निर्भर करती है।
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और लघु एवं सीमांत किसानों को अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाती है।
योजना का क्रियान्वयन
- योजना का क्रियान्वयन कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा किया जाता है।
- इच्छुक किसान योजना के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
- आवेदन के बाद विभागीय अधिकारी द्वारा स्थल का निरीक्षण किया जाता है और पात्रता के आधार पर सहायता राशि स्वीकृत की जाती है।
क्या हैं शर्तें?
- किसानों को एक बार ही मिलेगा योजना का लाभ।
- तालाब का निर्माण किसान की जमीन पर होगा।
- इस योजना के लिए केवल वे किसान पात्र होंगे जिन्होंने वित्तीय वर्ष 2017-18 या उसके बाद ड्रिप या स्प्रिंकलर लगाया हो और वह चालू हालत में हो।
- पट्टे की जमीन पर निर्माण कार्य नहीं कराया जाएगा।
- उपर्युक्त सभी शर्तों का सत्यापन भूमि संरक्षण सर्वेक्षण अधिकारी द्वारा किया जाएगा।
आवेदन करने का तरीका क्या है?
इसके लिए क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को आवेदन देना होगा। आवेदन के आधार पर जिला पंचायत द्वारा स्वीकृति दी जाएगी। राशि DBT के माध्यम से किसान के खाते में भेजी जाएगी।
- सामान्य श्रेणी के किसानों को लागत का 40 प्रतिशत, अधिकतम 80 हजार रुपये मिलेंगे।
- लघु सीमांत किसानों को लागत का 50 प्रतिशत, अधिकतम 80 हजार रुपये और
- अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के किसानों को लागत का 75 प्रतिशत, अधिकतम एक लाख रुपये मिलेंगे।
निष्कर्ष
बलराम ताल योजना किसानों के लिए वरदान है। यह योजना न केवल कृषि उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाने में मदद करती है, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ पहुंचाती है।
योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए:
- आप अपने नजदीकी कृषि अभियांत्रिकी विभाग कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
- आप योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://agarmalwa.nic.in/en/scheme/balram_talab_scheme/ पर भी जा सकते हैं।
यह योजना किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए समर्पित मध्य प्रदेश सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है।