भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

मनमोहन सिंह, जो 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे, देश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्रियों में से एक थे। वे भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़े सुधारों के आर्किटेक्ट माने जाते हैं। प्रधानमंत्री बनने से पहले, वे वित्त मंत्री के रूप में भी कार्यरत रहे।

उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “भारत ने एक महान नेता खो दिया है।” मोदी ने उनकी बुद्धिमत्ता और विनम्रता की प्रशंसा की, जो हमेशा उनके कार्यों में झलकती थी।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने उन्हें एक सच्चा समानतावादी, बुद्धिमान, मजबूत इच्छाशक्ति वाला और साहसी नेता बताया। राहुल गांधी ने उन्हें अपना गुरु और मार्गदर्शक कहा।

जीवन और प्रारंभिक शिक्षा

  • मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को विभाजन से पहले के पंजाब प्रांत के एक छोटे से गांव में हुआ था, जहां पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव था।
  • उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से पढ़ाई की और बाद में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डीफिल की उपाधि प्राप्त की।
  • उनकी बेटी दमन सिंह ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि कैम्ब्रिज में पढ़ाई के दौरान वे आर्थिक कठिनाइयों से जूझते रहे।

राजनीतिक जीवन और उपलब्धियां

मनमोहन सिंह ने 1991 में भारत के वित्त मंत्री के रूप में पहचान बनाई, जब देश आर्थिक संकट का सामना कर रहा था।

उन्होंने भारत में उदारीकरण की नींव रखी। इसके अंतर्गत उन्होंने:

  • करों में कटौती की।
  • रुपये का अवमूल्यन किया।
  • सरकारी कंपनियों का निजीकरण किया।
  • विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया।
  • उनके प्रयासों से भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी आई और 1990 के दशक में देश की विकास दर लगातार ऊंची बनी रही।

प्रधानमंत्री का कार्यकाल

  • 2004 में, सोनिया गांधी द्वारा प्रधानमंत्री पद अस्वीकार किए जाने के बाद, मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।
  • उनके पहले कार्यकाल की बड़ी उपलब्धियों में अमेरिका के साथ ऐतिहासिक परमाणु समझौता शामिल है, जिसने भारत को परमाणु प्रौद्योगिकी तक पहुंच प्रदान की।
  • हालांकि, उनके दूसरे कार्यकाल में भ्रष्टाचार के आरोप और घोटालों ने सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया।
  • उन्होंने अपनी सरकार की नीतियों और उपलब्धियों का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने “देश और उसके लोगों की भलाई के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम किया।”

विदेश नीति और शांति प्रयास

  • मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता जारी रखी और चीन के साथ सीमा विवाद को हल करने के प्रयास किए।
  • उन्होंने अफगानिस्तान के साथ सहयोग बढ़ाया और भारत-ईरान संबंधों को पुनः परिभाषित किया।
  • सिंह ने अपने दो पूर्ववर्तियों द्वारा अपनाई गई व्यावहारिक विदेश नीतियों को जारी रखा।
  • उन्होंने पाकिस्तान के साथ शांति प्रक्रिया जारी रखी – हालांकि यह प्रक्रिया पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों से बाधित हुई, जिसमें नवंबर 2008 का मुंबई हमला शामिल था।
  • उन्होंने चीन के साथ सीमा विवाद समाप्त करने की कोशिश की, नाथू ला दर्रे को फिर से खोलने का सौदा किया जो पिछले 40 वर्षों से बंद था।
  • सिंह ने अफगानिस्तान के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाई और लगभग 30 वर्षों बाद देश का दौरा करने वाले पहले भारतीय नेता बने।
  • उन्होंने कई विपक्षी नेताओं को नाराज करते हुए भारत के पुराने सहयोगी ईरान के साथ संबंध समाप्त करने का प्रयास किया।

व्यक्तित्व और कार्यशैली

  • मनमोहन सिंह को उनके शांत और अध्ययनशील स्वभाव के लिए जाना जाता था।
  • उनके आलोचक उन्हें नरम और अनिर्णायक मानते थे, लेकिन उनकी ईमानदारी और बौद्धिकता के लिए उनका व्यापक सम्मान था।
  • कोयला घोटाले से संबंधित सवालों पर उन्होंने अपने मौन का बचाव करते हुए कहा, “मौन हजारों उत्तरों से बेहतर है।”
  • 2015 में उन्हें अदालत में आपराधिक साजिश, विश्वासघात और भ्रष्टाचार संबंधी आरोपों पर सुनवाई करने के लिए बुलाया गया था। मनमोहन सिंह ने रिपोर्टर्स को बताया कि वह “कानूनी जांच के लिए खुले हैं” और “सच्चाई सामने आएगी”।

अंतिम दिन और विरासत

प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद भी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता के रूप में काम करते रहे। अगस्त 2020 में उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने का सुझाव दिया। इतिहास मनमोहन सिंह को ऐसे नेता के रूप में याद रखेगा, जिन्होंने भारत को आर्थिक और परमाणु अलगाव से बाहर निकाला। उन्होंने विश्वास जताया कि “इतिहास मेरे प्रति दयालु रहेगा।” मनमोहन सिंह अपने पीछे पत्नी और तीन बेटियों सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न: मनमोहन सिंह कब प्रधानमंत्री बने?
उत्तर: 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।

प्रश्न: किन आर्थिक सुधारों के लिए जाने जाते हैं?
उत्तर: उन्होंने उदारीकरण, कर कटौती, और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने वाले सुधारों का नेतृत्व किया।

प्रश्न: उनका जन्म कब हुआ था?
उत्तर :उनका जन्म 26 सितंबर 1932 को हुआ था।

प्रश्न: उन्होंने संसद में किसके लिए माफी मांगी थी?
उत्तर: उन्होंने 1984 के सिख दंगों के लिए माफी मांगी थी।

प्रश्न: मनमोहन सिंह किस पार्टी से जुड़े थे?
उत्तर: मनमोहन सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे।

प्रश्न: मनमोहन सिंह का सबसे बड़ा योगदान क्या था?
उत्तर: मनमोहन सिंह भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार और उदारीकरण के लिए जाने जाते हैं।

प्रश्न: उन्होंने 1991 के आर्थिक संकट में क्या किया?
उत्तर: उन्होंने सुधारों का एक विस्तृत कार्यक्रम लागू किया, जिसमें विदेशी निवेश को बढ़ावा देना और निजीकरण शामिल था।

प्रश्न: क्या मनमोहन सिंह ने कभी माफी मांगी थी?
उत्तर: हाँ, उन्होंने संसद में 1984 दंगों पर माफी मांगी थी जिसमें कई सिख मारे गए थे।

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