भारतीय तटरक्षक बल दिवस (Indian Coast Guard Day) हर साल 1 फरवरी को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय तटरक्षक बल की स्थापना और इसकी बहुमूल्य सेवाओं के लिए समर्पित है। भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard – ICG) भारत का एक प्रमुख समुद्री कानून प्रवर्तन और खोज एवं बचाव एजेंसी है। इसका अधिकार क्षेत्र भारत के प्रादेशिक जल, उससे सटे क्षेत्र और विशेष आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone) तक फैला हुआ है। यह बल 1 फरवरी 1977 को प्रारंभ हुआ और इसे औपचारिक रूप से 18 अगस्त 1978 को “तटरक्षक अधिनियम, 1978” के तहत स्थापित किया गया। यह रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
भारतीय तटरक्षक बल का इतिहास और महत्व
भारतीय तटरक्षक बल की स्थापना का उद्देश्य भारत के समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करना और तटीय सीमाओं की रक्षा करना था। 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद भारत को अपनी समुद्री सीमाओं की रक्षा और समुद्री अपराधों को रोकने के लिए एक विशेष बल की आवश्यकता महसूस हुई। परिणामस्वरूप, 1977 में भारतीय तटरक्षक बल का गठन किया गया।
राष्ट्रीय तटरक्षक बल की स्थापना का विचार सबसे पहले भारतीय नौसेना ने प्रस्तुत किया। 1960 के दशक में समुद्री तस्करी बढ़ने के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था। इस चुनौती का सामना करने के लिए नौसेना और अन्य एजेंसियों ने मिलकर समाधान खोजने का प्रयास किया।
1971 में नागचौधरी समिति ने भारत के विशाल तटीय क्षेत्र की निगरानी, अवैध गतिविधियों की पहचान और एक मजबूत समुद्री कानून प्रवर्तन बल की आवश्यकता पर बल दिया। 1974 में, रुसतमजी समिति ने इस दिशा में ठोस सिफारिशें कीं, जिसमें तटरक्षक बल को रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत स्थापित करने का सुझाव दिया गया।
1 फरवरी 1977 को अंतरिम तटरक्षक बल की शुरुआत हुई। प्रारंभिक चरण में नौसेना से दो छोटे जहाज और पांच गश्ती नौकाएं इस बल को प्रदान की गईं। 18 अगस्त 1978 को, भारतीय संसद ने “तटरक्षक अधिनियम” पारित कर इसे एक पूर्ण संगठन का दर्जा दिया।
प्रमुख कार्य और जिम्मेदारियां
भारतीय तटरक्षक बल का आदर्श वाक्य “वयम रक्षामः” (हम रक्षा करते हैं) है। भारतीय तटरक्षक बल समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने और समुद्र से जुड़े मामलों को संभालने में कई प्रमुख कार्य करता है:
- कृत्रिम द्वीपों, तटवर्ती टर्मिनलों और अन्य समुद्री प्रतिष्ठानों की सुरक्षा।
- मछुआरों और समुद्री यात्रियों को सहायता प्रदान करना।
- समुद्री पर्यावरण और पारिस्थितिकी की रक्षा, जिसमें प्रदूषण नियंत्रण शामिल है।
- तस्करी रोकने के लिए कस्टम विभाग और अन्य एजेंसियों को सहयोग देना।
- प्रादेशिक और अंतरराष्ट्रीय जल में कानून प्रवर्तन।
- वैज्ञानिक डेटा का संग्रह और समुद्री अनुसंधान को समर्थन देना।
- युद्ध की स्थिति में नौसेना के साथ मिलकर राष्ट्रीय रक्षा में योगदान।
संगठन और संरचना
भारतीय तटरक्षक बल का नेतृत्व महानिदेशक (Director General) करते हैं। भारतीय तटरक्षक बल रक्षा मंत्रालय के तहत काम करता है और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। जहां महानिदेशक को अतिरिक्त महानिदेशक और चार उप-महानिदेशकों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। वर्तमान महानिदेशक परमेेश शिवमणि हैं। बल में पुरुष और महिलाएं समान रूप से सेवा करते हैं।
तटरक्षक बल को पश्चिमी और पूर्वी तट के रूप में दो प्रमुख सेबोर्ड में विभाजित किया गया है, जिनका मुख्यालय क्रमशः मुंबई और विशाखापत्तनम में स्थित है। इन दोनों सेबोर्ड को चार क्षेत्रों में बांटा गया है:
- उत्तर-पश्चिम क्षेत्र (गांधीनगर)
- पश्चिमी क्षेत्र (मुंबई)
- पूर्वी क्षेत्र (चेन्नई)
- उत्तर-पूर्व क्षेत्र (कोलकाता)
इसके अतिरिक्त, अंडमान और निकोबार क्षेत्र का मुख्यालय पोर्ट ब्लेयर में है।
2023 तक, तटरक्षक बल में 42 स्टेशन, 5 एयर स्टेशन और 10 एयर एन्क्लेव हैं। यह तीन समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (मुंबई, चेन्नई, पोर्ट ब्लेयर) और 36 उपकेंद्रों के माध्यम से खोज और बचाव कार्यों का संचालन करता है। यह संगठन कई जहाजों, हेलीकॉप्टरों, और अन्य उन्नत तकनीकी उपकरणों से लैस है, जो इसे समुद्री चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाते हैं।
तटरक्षक बल दिवस का महत्व
1 फरवरी को मनाया जाने वाला यह दिवस तटरक्षक बल के जवानों के साहस और बलिदान को सलाम करने का अवसर है। इस दिन विभिन्न समारोह, परेड, और प्रदर्शनियां आयोजित की जाती हैं। जवानों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है, और जनता को तटरक्षक बल के कार्यों के बारे में जागरूक किया जाता है।
तटरक्षक बल की उपलब्धियां
भारतीय तटरक्षक बल ने कई मौकों पर अपनी दक्षता और साहस का परिचय दिया है। चाहे वह समुद्र में डूबते जहाजों को बचाना हो, तस्करी रोकना हो, या समुद्री आपदाओं के दौरान राहत अभियान चलाना हो – इस बल ने हमेशा अपने कर्तव्यों को बखूबी निभाया है। भारतीय तटरक्षक बल ने कई ऐतिहासिक सफलताएं हासिल की हैं। जैसे:
- 1999 में अलोंद्रा रेनबो जहाज का पुनः अधिग्रहण: इंडोनेशिया के पास से हाईजैक किए गए इस जहाज को कोच्चि के पास भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने मिलकर पकड़ा।
- 2008 के मुंबई हमलों के बाद विस्तार: समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बल ने अपनी क्षमताओं का विस्तार किया। 2023 तक इसका लक्ष्य 200 जहाजों और 100 विमानों का बेड़ा तैयार करना था।
अधिकारी और प्रशिक्षण
तटरक्षक बल में अधिकारी चार शाखाओं में नियुक्त होते हैं:
- जनरल ड्यूटी (GD): जहाजों और कर्मियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार।
- पायलट: हवाई निगरानी और बचाव अभियानों में कार्यरत।
- तकनीकी अधिकारी: उन्नत प्रौद्योगिकी और उपकरणों का संचालन और रखरखाव।
- विधि अधिकारी: संगठन को कानूनी सहायता प्रदान करना।
अधिकारी भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। कर्नाटक के मंगलुरु में भारतीय तटरक्षक अकादमी निर्माणाधीन है।
भविष्य की योजनाएं और विकास
2024 में दिल्ली के महिपालपुर में ₹588 करोड़ की लागत से “टियर-3 डेटा सेंटर” का निर्माण शुरू हुआ। यह तटरक्षक बल को अपनी कमान और नियंत्रण प्रणाली को और मजबूत बनाने में मदद करेगा।
भारतीय तटरक्षक बल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अन्य देशों के तटरक्षक बलों के साथ अभ्यास करता है, जिसमें जापान और कोरिया शामिल हैं।
निष्कर्ष
भारतीय तटरक्षक बल भारत की समुद्री सुरक्षा का एक मजबूत स्तंभ है। इसकी स्थापना से लेकर आज तक, यह बल देश के नागरिकों और समुद्री क्षेत्रों की रक्षा में हमेशा अग्रणी रहा है। यह बल न केवल तस्करी और अवैध गतिविधियों पर नजर रखता है, बल्कि युद्ध के समय राष्ट्रीय सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।
भारतीय तटरक्षक बल दिवस हमें इन जांबाज सैनिकों के प्रति आभार व्यक्त करने और उनके योगदान को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।