भारत की विदेश नीति लगातार विकसित हो रही है, वैश्विक परिवर्तनों के अनुरूप निरंतरता और अनुकूलन का संतुलन बनाए रख रही है। यह चार प्रमुख उद्देश्यों पर आधारित है: राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा, घरेलू विकास के लिए अनुकूल अंतर्राष्ट्रीय वातावरण, वैश्विक मंचों पर भारत की प्रभावी भागीदारी और प्रवासी भारतीयों के हितों की सुरक्षा और समर्थन। भारत की यह नीति पंचशील सिद्धांतों पर आधारित है, जो संप्रभुता, गैर-हस्तक्षेप, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, समानता और पारस्परिक लाभ के लिए सम्मान को महत्व देते हैं।

भारत की विदेश नीति के मुख्य उद्देश्य

  • राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करना और बाहरी खतरों से बचाव सुनिश्चित करना।
  • वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास में तेजी लाना।
  • अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत की मजबूत उपस्थिति बनाना।
  • विदेशों में बसे भारतीय समुदाय के हितों की रक्षा करना और उनके साथ सहयोग बढ़ाना।

भारत की विदेश नीति के मार्गदर्शक सिद्धांत

  • पंचशील सिद्धांत – संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान।
  • रणनीतिक स्वायत्तता – एक स्वतंत्र विदेश नीति बनाए रखना।
  • “वसुधैव कुटुम्बकम” – विश्व शांति और सहयोग को बढ़ावा देना।

वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य 2025

2020 का दशक बहुआयामी संकटों से भरा रहा है। कोविड-19 महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध, अमेरिका-चीन तनाव जैसी घटनाओं ने वैश्विक संतुलन को प्रभावित किया है। भारत को इन वैश्विक परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए अपनी विदेश नीति में रणनीतिक सुधार करने की आवश्यकता है।

बहुपक्षीय संगठनों में भारत की भूमिका

  • जी20 – वैश्विक आर्थिक और नीतिगत सुधारों में नेतृत्व।
  • ब्रिक्स – ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ सहयोग।
  • आसियान और बिम्सटेक – व्यापार, सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास में भागीदारी।
  • क्वाड और एससीओ – इंडो-पैसिफिक और यूरेशिया में रणनीतिक संतुलन बनाए रखना।

पड़ोसी प्रथम नीति (Neighborhood First Policy)

भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण और समावेशी विकास को प्राथमिकता देता है:

  • बांग्लादेश – व्यापार और संपर्क को मजबूत करना।
  • नेपाल – ऊर्जा सहयोग और राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करना।
  • श्रीलंका – आर्थिक सुधार और विकास परियोजनाओं में भागीदारी।
  • मालदीव – कूटनीतिक संबंधों में संतुलन।
  • भूटान – ऊर्जा और बुनियादी ढांचे में सहयोग बढ़ाना।

एक्ट ईस्ट और थिंक वेस्ट नीतियां

  • एक्ट ईस्ट – आसियान देशों के साथ संबंधों को मजबूत करना, समुद्री सुरक्षा में सहयोग।
  • थिंक वेस्ट – खाड़ी देशों, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के साथ व्यापार और निवेश बढ़ाना।

भारत की रणनीतिक साझेदारी

  • संयुक्त राज्य अमेरिका – रक्षा, प्रौद्योगिकी और व्यापार सहयोग को बढ़ावा देना।
  • रूस – रक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बनाए रखना।
  • यूरोपीय संघ – हरित ऊर्जा और तकनीकी विकास को बढ़ावा देना।
  • जापान और ऑस्ट्रेलिया – इंडो-पैसिफिक रणनीतिक गठबंधन को मजबूत करना।

भारत-चीन संबंध 2025

  • भारत और चीन के संबंध चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं: सीमा विवाद अभी भी कायम है।
  • सीमित तरीके से आर्थिक सहयोग जारी है, लेकिन भारत आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे रहा है।
  • इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा कूटनीतिक रणनीतियों को प्रभावित कर रही है।

भारत की रक्षा और सुरक्षा रणनीति

  • आत्मनिर्भर भारत के तहत सैन्य आधुनिकीकरण और रक्षा उत्पादन।
  • समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना।
  • साइबर सुरक्षा क्षमताओं में सुधार करना।

तकनीक और व्यापार कूटनीति

  • AI और सेमीकंडक्टर साझेदारी – अमेरिका, जापान और यूरोप के साथ सहयोग।
  • डिजिटल व्यापार समझौते – वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में भागीदारी।
  • नवाचार और स्टार्टअप कूटनीति – तकनीकी निवेश को आकर्षित करना।

ऊर्जा और जलवायु कूटनीति

  • नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएँ – सौर और पवन ऊर्जा में निवेश।
  • नेट-ज़ीरो प्रतिबद्धताएँ – भारत की जलवायु नेतृत्व भूमिका।
  • संधारणीय अवसंरचना – हरित परियोजनाओं में वैश्विक सहयोग।

भविष्य की चुनौतियाँ और अवसर

  • भू-राजनीतिक तनावों को संतुलित करना।
  • आर्थिक स्थिरता और व्यापार को बढ़ाना।
  • वैश्विक नीति-निर्माण में भारत की भूमिका को मजबूत करना।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)

प्रश्न: 2025 में भारत की विदेश नीति की प्रमुख प्राथमिकताएँ क्या हैं?
उत्तर: भारत राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक कूटनीति, क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक नेतृत्व पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

प्रश्न: भारत चीन के साथ अपने संबंधों को कैसे प्रबंधित कर रहा है?
उत्तर: भारत सीमा सुरक्षा बनाए रखते हुए आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों में संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है।

प्रश्न: भारत बहुपक्षीय संगठनों में किस तरह योगदान दे रहा है?
उत्तर: भारत जी20, ब्रिक्स, क्वाड, आसियान और बिम्सटेक जैसे संगठनों में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।

प्रश्न: भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को कैसे मजबूत कर रहा है?
उत्तर: भारत सैन्य आधुनिकीकरण, समुद्री सुरक्षा और साइबर सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

प्रश्न: भारत की ऊर्जा और जलवायु नीति क्या है?
उत्तर: भारत अक्षय ऊर्जा, कार्बन तटस्थता और सतत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है।

प्रश्न: भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ किस तरह सहयोग कर रहा है?
उत्तर: भारत नेबरहुड फर्स्ट नीति के तहत व्यापार, बुनियादी ढांचे और सुरक्षा सहयोग को प्राथमिकता दे रहा है। 

निष्कर्ष

भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसकी विदेश नीति रणनीतिक सोच, कूटनीतिक कुशलता और वैश्विक सहभागिता पर आधारित है। भारत का उद्देश्य वैश्विक शक्ति संतुलन में एक निर्णायक भूमिका निभाना है।

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