अंतर्राष्ट्रीय महिला एवं बालिका विज्ञान दिवस एक वार्षिक आयोजन है जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाया गया है। इसका उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) के क्षेत्र में महिलाओं की पूर्ण और समान भागीदारी को बढ़ावा देना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 22 दिसंबर 2015 को प्रस्ताव 70/212 पारित कर 11 फरवरी को इस दिवस के रूप में घोषित किया। इस दिवस के लिए हर वर्ष एक विशेष विषय चुना जाता है, जो विज्ञान में लैंगिक समानता और महिलाओं की भूमिका पर ध्यान केंद्रित करता है।

आयोजन और भागीदारी

विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस को संयुक्त रूप से यूनेस्को (UNESCO) और यूएन वीमेन (UN Women) द्वारा लागू किया जाता है। ये संगठन विभिन्न राष्ट्रीय सरकारों, अंतर-सरकारी संगठनों, विश्वविद्यालयों, नागरिक समाज और निजी कंपनियों के साथ मिलकर STEM क्षेत्रों में महिलाओं और बालिकाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करते हैं।

विज्ञान में महिलाओं की भागीदारी और चुनौतियाँ

वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी उनके पुरुष समकक्षों की तुलना में अभी भी कम है। 1960 से 1980 के दशक के बीच अमेरिकी विश्वविद्यालयों में विज्ञान और इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने वाली महिलाओं की संख्या में वृद्धि हुई, लेकिन 1980 के दशक के बाद यह स्थिर हो गई। 2013 में ब्रिटेन में किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया कि STEM क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं आया है।

सामाजिक बाधाएँ

कई सामाजिक बाधाएँ STEM क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को प्रभावित करती हैं, जैसे:

  • पारिवारिक अपेक्षाएँ और घरेलू जिम्मेदारियाँ
  • कम उम्र में विवाह
  • श्रम बाजार में भेदभाव
  • करियर में वृद्धि के अवसरों की कमी
  • वैज्ञानिक विषयों में महिलाओं को कम प्रोत्साहन मिलना

विशेष रूप से अफ्रीका, दक्षिण एशिया और कैरेबियाई देशों में ये चुनौतियाँ अधिक गंभीर हैं। 2013 के एक अध्ययन में यह भी पाया गया कि विज्ञान, विशेष रूप से भौतिकी में, लड़कियों को उनके शिक्षक, परिवार और समाज से कम प्रोत्साहन मिलता है।

क्षेत्रीय विविधताएँ

विभिन्न क्षेत्रों में STEM में महिलाओं की भागीदारी की स्थिति अलग-अलग है। उदाहरण के लिए:

  • संयुक्त राज्य अमेरिका: यहाँ कम नामांकन और विज्ञान शिक्षा के प्रति कम आकर्षण के कारण महिलाओं की भागीदारी सीमित है।
  • अरब देश: यहाँ विज्ञान में महिलाओं की नामांकन दर 60-80% तक होती है, लेकिन करियर और सामाजिक बाधाओं के कारण उनकी भागीदारी सीमित रहती है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वीकृति

यूनियन नेशन महासभा ने 22 दिसंबर 2015 को प्रस्ताव 70/212 पारित कर 11 फरवरी को “अंतर्राष्ट्रीय महिला एवं बालिका विज्ञान दिवस” के रूप में घोषित किया। इस प्रस्ताव में सभी सदस्य देशों, संगठनों और निजी क्षेत्र को महिलाओं को विज्ञान में समान अवसर प्रदान करने के लिए जागरूकता अभियान और शैक्षिक गतिविधियों को बढ़ावा देने का आग्रह किया गया।

संयुक्त राष्ट्र ने इस दिवस को घोषित करते समय अपने पूर्व के प्रस्तावों का भी हवाला दिया, जिनमें शामिल हैं:

  • संयुक्त राष्ट्र 2030 सतत विकास एजेंडा (प्रस्ताव 70/1), जिसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और लैंगिक समानता को प्राथमिकता दी गई।
  • प्रस्ताव 68/220, जिसमें यह स्वीकार किया गया कि लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में महिलाओं की भागीदारी आवश्यक है।

विज्ञान नेतृत्व में महिलाओं की भूमिका

विविधता और नवाचार

वैज्ञानिक अनुसंधान में विविधता रचनात्मकता, नवाचार और नई खोजों को बढ़ावा देती है। STEM में महिलाओं और लड़कियों को शामिल करने से प्रतिभा पूल का विस्तार होता है और वैश्विक समस्याओं को हल करने के नए दृष्टिकोण मिलते हैं। हालाँकि, लैंगिक असमानताएँ बनी हुई हैं, जिससे महिलाओं के लिए वैज्ञानिक नेतृत्व में आगे बढ़ने के अवसर सीमित हो जाते हैं।

STEM में महिलाओं की भागीदारी के आँकड़े

  • दुनिया भर में सभी शोधकर्ताओं में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 33.3% है।
  • राष्ट्रीय विज्ञान अकादमियों में सिर्फ 12% सदस्य महिलाएँ हैं।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) क्षेत्र में केवल 22% पेशेवर महिलाएँ हैं।
  • महिला इंजीनियरिंग स्नातकों की हिस्सेदारी 28% और कंप्यूटर विज्ञान स्नातकों में 40% है।
  • महिला वैज्ञानिकों को आमतौर पर छोटे शोध अनुदान मिलते हैं और नेतृत्व भूमिकाओं में उन्हें कम मौके मिलते हैं।

STEM में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के उपाय

  • प्रारंभिक शिक्षा में सुधार
    • STEM-केंद्रित शैक्षिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देना।
    • लड़कियों को विज्ञान में रुचि विकसित करने के लिए प्रेरित करना।
    • महिला वैज्ञानिकों के प्रेरणादायक जीवन को उजागर करना।
  • कार्यस्थल में सुधार
    • समान वेतन और योग्यता-आधारित पदोन्नति को लागू करना।
    • पारिवारिक जिम्मेदारियों को समायोजित करने के लिए लचीले कार्य शेड्यूल को प्रोत्साहित करना।
    • कार्यस्थलों पर भेदभाव विरोधी नीतियों को लागू करना।
  • नेतृत्व पदों में महिलाओं की भागीदारी
    • विज्ञान में महिलाओं के लिए छात्रवृत्ति और अनुसंधान निधि प्रदान करना।
    • महिला वैज्ञानिकों के लिए नेटवर्किंग के अवसरों को बढ़ावा देना।
    • STEM में सफल महिला वैज्ञानिकों को प्रेरणादायक रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत करना।

निष्कर्ष

विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना सतत विकास और नवाचार के लिए आवश्यक है। STEM में लैंगिक समानता को बढ़ावा देकर, हम वैज्ञानिक खोजों को तेज कर सकते हैं, आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकते हैं और एक अधिक समावेशी और स्थायी भविष्य बना सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला एवं बालिका विज्ञान दिवस इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय को महिलाओं की क्षमता को पहचानने और उनके योगदान को सराहने के लिए प्रेरित करता है।

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