अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस हर साल 21 मार्च को मनाया जाता है। इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 28 नवंबर 2012 को पारित एक प्रस्ताव के तहत स्थापित किया गया था। इस दिन का उद्देश्य वनों और वृक्षों के महत्व को उजागर करना और वर्तमान तथा भविष्य की पीढ़ियों के लिए उनके संरक्षण को बढ़ावा देना है। विभिन्न देश इस दिन वृक्षारोपण अभियानों, जागरूकता कार्यक्रमों और अन्य गतिविधियों का आयोजन करते हैं। यह दिन सरकारों, संगठनों और नागरिकों को वनों के संरक्षण और सतत प्रबंधन की दिशा में प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
इतिहास
वनों के महत्व को देखते हुए, 1971 में खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के 16वें सम्मेलन में 21 मार्च को ‘विश्व वानिकी दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद, 2011 में ‘अंतरराष्ट्रीय वन वर्ष’ के रूप में घोषित किया गया। अंततः 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 मार्च को ‘अंतरराष्ट्रीय वन दिवस’ के रूप में मनाने की आधिकारिक घोषणा की।
वनों का महत्व
वन पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक हैं। वे 30% से अधिक भूमि को कवर करते हैं और 60,000 से अधिक पेड़ प्रजातियों का घर हैं। वे जल, भोजन, दवाइयों और ईंधन का प्रमुख स्रोत हैं।
- जैव विविधता संरक्षण: वनों में 80% से अधिक स्थलीय जैव विविधता निवास करती है।
- जलवायु परिवर्तन से निपटने में योगदान: वन कार्बन अवशोषण में मदद करते हैं, जिससे जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित किया जा सकता है।
- जीविका का स्रोत: लगभग 1.6 अरब लोग वनों पर निर्भर हैं।
- पर्यावरण संतुलन: वन वर्षा चक्र को नियंत्रित करते हैं और मृदा अपरदन को रोकते हैं।
वनों की स्थिति और चुनौतियाँ
हर साल लगभग 1.3 करोड़ हेक्टेयर वन नष्ट हो जाते हैं, जो इंग्लैंड के आकार के बराबर है। वनों के कटाव के कारण:
- जलवायु परिवर्तन बढ़ता है।
- वन्यजीवों का आवास नष्ट होता है।
- स्थानीय समुदायों की आजीविका प्रभावित होती है।
वनों के संरक्षण के लिए हमें निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए:
- वृक्षारोपण को बढ़ावा देना
- टिकाऊ वानिकी (Sustainable Forestry) अपनाना
- अवैध कटाई को रोकना
- स्थानीय समुदायों को जागरूक करना
- सरकारों द्वारा सख्त वन संरक्षण नीतियाँ लागू करना
रेड प्लस (REDD+) पहल
संयुक्त राष्ट्र ने वनों की कटाई और क्षरण को रोकने के लिए REDD+( Reducing emissions from deforestation and forest degradation in developing countries) नामक पहल शुरू की है। इसका उद्देश्य:
- कार्बन उत्सर्जन को कम करना,
- वन संरक्षण को बढ़ावा देना,
- जैव विविधता को संरक्षित करना।
निष्कर्ष
अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस हमें याद दिलाता है कि वनों के बिना हमारा जीवन अधूरा है। यह जरूरी है कि हम वनों को बचाने के लिए ठोस कदम उठाएँ और हर स्तर पर इनके संरक्षण के लिए कार्य करें। व्यक्तिगत स्तर पर, वृक्षारोपण और वनों की रक्षा के लिए लोगों को जागरूक करना हमारी जिम्मेदारी है। सरकारों, संगठनों और आम जनता के संयुक्त प्रयास से हम वनों को सुरक्षित रख सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों को एक हरित और स्वस्थ भविष्य दे सकते हैं।