झारखंड, जिसे “जंगलों की भूमि” भी कहते है, भारत के पूर्वी हिस्से का एक राज्य है। यह राज्य 15 नवंबर 2000 को बिहार से पृथक होकर अस्तित्व में आया। झारखंड का शाब्दिक अर्थ “झाड़” (वन) और “खंड” (टुकड़ा), अर्थात् जंगलों का प्रदेश है।

यह राज्य पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार से घिरा हुआ है। 15वां सबसे बड़ा राज्य होने के साथ-साथ, जनसंख्या के मामले में यह 14वें स्थान पर है। झारखंड की राजधानी रांची है, जबकि दुमका उप-राजधानी के रूप में कार्य करती है। झारखंड अपने प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक स्थलों और खनिज संसाधनों के लिए जाना जाता है।

झारखंड की स्थापना

15 नवंबर 2000 को झारखंड राज्य की स्थापना हुई। यह राज्य आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के जन्मदिवस पर गठित किया गया, जिन्होंने आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष किया था।

झारखंड का इतिहास

प्राचीन इतिहास

झारखंड का इतिहास मेसोलिथिक और चालकोलिथिक काल से जुड़ा है। हजारीबाग के इसको गुफा चित्र और पलामू के कबरा-काल माउंड जैसे स्थान इस बात के प्रमाण हैं कि यह क्षेत्र प्राचीन काल से मानव बसावट का केंद्र रहा है। महाभारत में इसे “कर्क खंड” कहा गया है। यहाँ के जंगलों और पहाड़ियों में आदिवासी समूहों ने अपनी अनूठी संस्कृति और परंपराओं को विकसित किया।

मध्यकालीन इतिहास

7वीं शताब्दी में चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी इस क्षेत्र का उल्लेख किया है। मध्यकाल में झारखंड पर नागवंशी, चेरो, और मुण्डा शासकों का प्रभुत्व था। मुगल साम्राज्य के समय भी यह क्षेत्र सीमांत पर रहा, जहाँ पर स्थानीय जनजातियों ने अपनी स्वतंत्रता बनाए रखी। क्षेत्रीय राजा और मुगल साम्राज्य के बीच संघर्ष होते रहे।

आधुनिक इतिहास

ब्रिटिश शासन के दौरान झारखंड क्षेत्र को छोटानागपुर पठार और संथाल परगना के रूप में जाना जाता था। 1855 का संथाल विद्रोह और 1900 का बिरसा मुंडा का उलगुलान स्वतंत्रता आंदोलन में मील का पत्थर साबित हुए।

मुगल शासन के दौरान, यह क्षेत्र राजपूत राजा मानसिंह द्वारा जीता गया था। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में झारखंड के वीर योद्धाओं जैसे तिलका मांझी, सिद्धू-कान्हू और बिरसा मुंडा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कला, संस्कृति और नृत्य

झारखंड की संस्कृति यहाँ की जनजातियों और स्थानीय समुदायों की परंपराओं से गहराई से जुड़ी हुई है। झारखंड की संस्कृति में आदिवासी नृत्य, संगीत और लोककथाओं की प्रमुख भूमिका है। प्रमुख नृत्य रूपों में सरहुल, करमा और जदूर शामिल हैं। राज्य में सोहराय और कोहबर जैसे पारंपरिक कला रूप भी प्रचलित हैं।

यहाँ के प्रमुख लोकनृत्य सरहुल, पाईका, छऊ और जदुर हैं। छऊ नृत्य, जो कि पारंपरिक कथाओं और महाकाव्यों पर आधारित होता है, यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल है।

हस्तशिल्प और कारीगरी

झारखंड अपनी हस्तशिल्प कला, जैसे टसर सिल्क, लकड़ी की नक्काशी, बांस के काम, पीतल के बर्तन, और डोकरा कला के लिए प्रसिद्ध है। इन शिल्पों में आदिवासी जीवन और प्रकृति के तत्वों को उकेरा जाता है। चंदन लकड़ी से बने खिलौने और आभूषण भी यहाँ की पहचान हैं।

शिक्षा

हाल के वर्षों में राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति की है। यहाँ कई प्रतिष्ठित संस्थान हैं, जैसे इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स, धनबाद और बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा।

राज्य में बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बिट्स मेसरा), रांची विश्वविद्यालय, और आईआईएम रांची जैसे प्रतिष्ठित संस्थान हैं। आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए कई सरकारी और गैर-सरकारी पहलें चल रही हैं।

पारंपरिक भोजन

झारखंड का पारंपरिक भोजन सरल और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। कुछ लोकप्रिय व्यंजन हैं:

  • ढुस्का: चावल और उड़द की दाल से बना तला हुआ व्यंजन।
  • चिलका रोटी: चावल के आटे से बनी रोटी।
  • पिठा: चावल के आटे और गुड़ से बनी मिठाई।
  • हड़िया: चावल से बनी पारंपरिक पेय।

वर्तमान स्थिति और नई पहल

वर्तमान में झारखंड अपनी खनिज संपदा और औद्योगिक विकास के लिए चर्चा में है। साथ ही, कृषि और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भी नई पहल की जा रही है। झारखंड सरकार ने हाल ही में जल संचय और पर्यावरण संरक्षण के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं।

प्रमुख पर्यटन स्थल

  • रांची – राजधानी रांची अपनी जलप्रपातों और हरे-भरे परिदृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। हंड्रू फॉल्स, दसम फॉल्स, और रांची लेक प्रमुख आकर्षण हैं।
  • देवघर – देवघर झारखंड का धार्मिक केंद्र है। यहाँ का बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
  • नेटारहाट – नेटारहाट को “छोटानागपुर की रानी” कहा जाता है। यह स्थान अपने शानदार सूर्योदय और सूर्यास्त दृश्यों के लिए जाना जाता है।
  • पारसनाथ पहाड़ – यह जैन धर्म का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहाँ के शांत वातावरण में लोग आध्यात्मिक अनुभव के लिए आते हैं।
  • पालामू किला – पालामू किला झारखंड के ऐतिहासिक गौरव का प्रतीक है। यह किला नागवंशी राजाओं द्वारा बनवाया गया था।

राजनीतिक पृष्ठभूमि

झारखंड की राजनीति मुख्यतः दो दलों, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), के बीच रही है। वर्तमान में झामुमो की अगुवाई में सरकार है। राज्य में आदिवासी मुद्दे, खनिज संसाधनों का प्रबंधन, और रोजगार जैसे विषय हमेशा चर्चा में रहते हैं।

निष्कर्ष

झारखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और खनिज संसाधनों के कारण एक विशेष स्थान रखता है। यह राज्य अपने विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है, लेकिन अभी भी स्वास्थ्य, शिक्षा, और रोजगार के क्षेत्र में चुनौतियाँ बनी हुई हैं।

FAQs

प्रश्न: झारखंड का गठन कब हुआ था?
उत्तर: झारखंड का गठन 15 नवंबर 2000 को हुआ।

प्रश्न: झारखंड का सबसे बड़ा शहर कौन सा है?
उत्तर: रांची झारखंड का सबसे बड़ा और राजधानी शहर है।

प्रश्न: झारखंड की मुख्य भाषा कौन-सी है?
उत्तर: झारखंड की मुख्य भाषाएँ हिंदी, संथाली, मुंडारी, हो, और नागपुरी हैं।

प्रश्न: झारखंड किसके लिए प्रसिद्ध है?
उत्तर: झारखंड खनिज संसाधनों, जलप्रपातों, आदिवासी संस्कृति, और हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध है।

प्रश्न: झारखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कौन-कौन से हैं?
उत्तर: बैद्यनाथ धाम, रांची, देवघर, नेटारहाट, पारसनाथ पहाड़, और पालामू किला प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।

प्रश्न: झारखंड का मुख्य त्योहार कौन-सा है?
उत्तर: झारखंड में सरहुल, करम, और मकर संक्रांति प्रमुख त्योहार हैं।

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