मध्य प्रदेश गौ सेवक प्रशिक्षण योजना एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षित युवाओं के बीच बेरोजगारी को दूर करना है, साथ ही मवेशियों के लिए पशु चिकित्सा देखभाल को बढ़ाना है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य युवाओं को बुनियादी पशु उपचार में प्रशिक्षण देकर और उन्हें आत्मनिर्भर बनाकर कई उद्देश्यों को प्राप्त करना है।

योजना के बारे में

मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कई शिक्षित युवा बेरोजगार हैं। विशिष्ट कौशल और प्रशिक्षण की कमी के कारण, ये युवा रोजगार पाने के लिए संघर्ष करते हैं। हालांकि, अब ऐसे युवाओं को निराश होने की जरूरत नहीं है। मध्य प्रदेश सरकार ने गौ सेवक प्रशिक्षण योजना शुरू की है। इस योजना को शुरू करके मध्य प्रदेश सरकार एक ही पहल से कई उद्देश्यों को पूरा करना चाहती है।

गौ सेवक प्रशिक्षण योजना का प्राथमिक लक्ष्य शिक्षित बेरोजगार युवाओं को पशु चिकित्सा में प्रशिक्षित करना, उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस पहल का उद्देश्य मवेशियों के लिए समय पर चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करना भी है, जो राज्य सरकार का एक और महत्वपूर्ण लक्ष्य है। पशुपालन और डेयरी विभाग इस योजना का नोडल विभाग है।

मध्य प्रदेश गौ सेवक प्रशिक्षण योजना के तहत, राज्य सरकार शिक्षित युवाओं को बुनियादी पशु उपचार का प्रशिक्षण प्रदान करेगी। इस प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षित युवा ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं को प्रारंभिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर अपना स्वयं का रोजगार शुरू कर सकते हैं। इससे पशुओं को समय पर प्राथमिक उपचार मिल सकेगा। चयनित युवाओं को प्रशिक्षण अवधि के दौरान मासिक वजीफा मिलेगा। वजीफा राशि 1,000 रुपये प्रति माह होगी। इसके साथ ही उन्हें 1200 रुपये की कीमत की किट भी प्रदान की जाएगी। मध्य प्रदेश गौ सेवक प्रशिक्षण योजना के तहत प्रशिक्षण केवल छह महीने तक चलेगा। छह महीने के बाद, लाभार्थी पुनः प्रशिक्षण के लिए आवेदन कर सकता है। पुनः नामांकन होने पर, लाभार्थी को रिफ्रेशर कहा जाएगा और प्रशिक्षण के दौरान उसे प्रति माह 500 रुपये का वजीफा मिलेगा। रिफ्रेशर प्रशिक्षण अवधि के दौरान, लाभार्थी को 100 रुपये की अध्ययन सामग्री भी प्रदान की जाएगी। रिफ्रेशर लाभार्थियों का चयन वरिष्ठता के आधार पर किया जाएगा। योजना के लाभ: स्वरोजगार का अवसर: प्रशिक्षण एवं वित्तीय सहायता: 6 महीने की प्रशिक्षण अवधि के दौरान, चयनित युवाओं को ₹1,000 प्रति माह का वजीफा और ₹1,200 की लागत वाली किट प्रदान की जाएगी।

रिफ्रेशर प्रशिक्षण:

6 महीने के प्रशिक्षण के बाद, लाभार्थी पुनः प्रशिक्षण के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिसे “रिफ्रेशर” कहा जाता है। रिफ्रेशर प्रशिक्षण के दौरान, उन्हें ₹500 प्रति माह का वजीफा और ₹100 की लागत वाली अध्ययन सामग्री प्रदान की जाएगी।

पात्रता

  • मध्य प्रदेश का निवासी होना चाहिए।
  • आयु 18 वर्ष से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • न्यूनतम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए।
  • बेरोजगार होना चाहिए।

आवेदन कैसे करें?

  • इच्छुक लाभार्थी ऑफ़लाइन आवेदन पत्र के माध्यम से योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • आवेदन पत्र पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, पशु औषधालय प्रभारी कार्यालय या पशु चिकित्सा उप निदेशक कार्यालय से निःशुल्क प्राप्त किए जा सकते हैं।
  • भरे हुए आवेदन पत्र को सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा करना होगा।
  • चयनित आवेदकों को उनके क्षेत्र की ग्राम पंचायत में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

महत्वपूर्ण जानकारी:

  • योजना का नोडल विभाग मध्य प्रदेश सरकार का पशुपालन एवं डेयरी विभाग है।
  • प्रशिक्षण अवधि 6 महीने है।
  • वरिष्ठता के आधार पर रिफ्रेशर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

निष्कर्ष

मध्य प्रदेश गौसेवक प्रशिक्षण योजना पशुधन स्वास्थ्य एवं रोजगार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना युवाओं को कौशल प्रदान करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने में मदद करती है।

अतिरिक्त जानकारी

Also Read:
Khan Global Studies App Download
Download Khan Global Studies App for Android & iOS Devices
Shares:

1 Comment

  • Vijay parmar
    Vijay parmar
    August 9, 2024 at 5:48 pm

    Avedan kese kare

    Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *