मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह सहायता योजना, गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक योजना शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य गरीबी के कारण शादी करने में असमर्थ लड़कियों को वित्तीय सहायता प्रदान करके उनकी शादी में मदद करना है।

योजना विवरण

विभागसामाजिक न्याय और निःशक्तजन कल्याण विभाग
योजना का नाममुख्यमंत्री कल्याणी विवाह सहायता योजना
शुरूआत की तारीख3 मई, 2018
लाभार्थी श्रेणियां लक्षित समूहसामान्य, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी)
लाभार्थी का प्रकारविधवा
लाभ की श्रेणीवित्तीय सहायता
भौगोलिक कवरेजयह योजना मध्य प्रदेश के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लागू है।
पदाभिहित अधिकारीकलेक्टर
समय सीमा30 कार्य दिवस
आवेदन शुल्कनिःशुल्क
अनुदान राशि2,00,000 रुपये
ऑनलाइन आवेदन लिंकhttp://socialjustice.mp.gov.in/

उद्देश्य

मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह सहायता योजना मध्य प्रदेश में रहने वाली विधवाओं को सामाजिक सुरक्षा और वित्तीय सहायता प्रदान करने, उनकी आजीविका और कल्याण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।

पात्रता मानदंड और लाभार्थी चयन प्रक्रिया

  • विधवा (कल्याणी) और उसका पति मध्य प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
  • विवाह के समय विधवा की आयु कम से कम 18 वर्ष और उसके पति की आयु कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए।
  • विधवा आयकर दाता नहीं होनी चाहिए।
  • विधवा सरकारी कर्मचारी या अधिकारी नहीं होनी चाहिए (इसमें राज्य या केंद्र सरकार या किसी सरकारी सहायता प्राप्त निगम, उद्यम या संस्था के अंतर्गत काम करने वाले कर्मचारी या अधिकारी शामिल हैं)।
  • विधवा को पारिवारिक पेंशन नहीं मिल रही होनी चाहिए।
  • इस योजना के लिए बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) स्थिति पर प्रतिबंध। जिस व्यक्ति से विधवा विवाह करती है, उसकी जीवित पत्नी नहीं होनी चाहिए।
  • यदि विधवा कल्याणी विवाह सहायता योजना से लाभान्वित होती है, तो वह अन्य विवाह योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री विवाह सहायता योजना, कन्या विवाह/निकाह योजना और दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना के लिए पात्र नहीं होगी।
  • यदि विधवा का विवाह मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के सामूहिक विवाह समारोह के तहत हुआ है, तो वह केवल कल्याणी विवाह सहायता योजना के तहत लाभ के लिए पात्र होगी।
  • यदि विधवा का विवाह मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के सामूहिक विवाह समारोह के तहत हुआ है, तो वह केवल कल्याणी विवाह सहायता योजना के तहत लाभ के लिए पात्र होगी।
  • यदि विधवा स्वयं विकलांग है, यदि उसका पति विकलांग है, या यदि दोनों विकलांग हैं, तो वे केवल कल्याणी विवाह सहायता योजना के तहत लाभ के लिए पात्र होंगे।
  • विधवा के लिए सामूहिक विवाह करना अनिवार्य नहीं है, व्यक्तिगत विवाह भी इसके लिए पात्र हैं।
  • यदि विधवा के नाबालिग बच्चे हैं, तो उनके पालन-पोषण की जिम्मेदारी विधवा और उसके पति द्वारा संयुक्त रूप से साझा की जाएगी।
  • मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह सहायता योजना के लिए आवेदन विवाह की तिथि से एक वर्ष के भीतर प्रस्तुत किया जाना चाहिए। एक वर्ष के बाद प्रस्तुत आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।

आवेदन/संपर्क/पंजीकरण/प्रशिक्षण

मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह सहायता योजना का लाभ उठाने के लिए, आवेदक को निर्धारित आवेदन पत्र को आवश्यक दस्तावेजों के साथ उस जिले के कलेक्टर, संयुक्त/उप संचालक, सामाजिक न्याय और विकलांग कल्याण कार्यालय में जमा करना होगा, जहाँ से विवाह प्रमाण पत्र जारी किया गया था, चाहे युगल का निवास स्थान कुछ भी हो।

आवेदन प्रक्रिया

  • आवेदक को निर्धारित आवेदन पत्र को आवश्यक दस्तावेजों के साथ उस जिले के कलेक्टर, संयुक्त/उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं विकलांग कल्याण कार्यालय में जमा करना होगा, जहां विवाह प्रमाण पत्र जारी किया गया था।
  • कलेक्टर कार्यालय और संयुक्त/उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं विकलांग कल्याण को आवेदक को पावती रसीद प्रदान करनी होगी।
  • संयुक्त/उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं विकलांग कल्याण को कल्याणी विवाह सहायता योजना के लिए प्राप्त आवेदनों का रजिस्टर बनाए रखना होगा।
  • ऑडिट उद्देश्यों के लिए सभी दस्तावेजों को ठीक से दर्ज रखना होगा।

आवश्यक दस्तावेज

  • विधवा और उसके पति के लिए मध्य प्रदेश में निवास का प्रमाण।
  • विधवा और उसके पति की नौ अंकों की समग्र आईडी।
  • विधवा और उसके पति का आयु प्रमाण।
  • विधवा की बैंक पासबुक की फोटोकॉपी जिसमें खाता संख्या और IFSC कोड दर्शाया गया हो।
  • विधवा और उसके पति के आधार कार्ड की फोटोकॉपी (यदि उपलब्ध हो)।
  • सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी।
  • विधवा के पिछले पति का मृत्यु प्रमाण पत्र और विधवा का हलफनामा जिसमें कहा गया हो कि मृत्यु प्रमाण पत्र में उल्लिखित मृतक वास्तव में उसका पति था।
  • विधवा द्वारा स्व-घोषणा जिसमें कहा गया हो कि वह आयकर दाता नहीं है।
  • विधवा द्वारा स्व-घोषणा जिसमें कहा गया हो कि वह सरकारी कर्मचारी/अधिकारी नहीं है।
  • विधवा द्वारा स्व-घोषणा जिसमें कहा गया हो कि उसे पारिवारिक पेंशन नहीं मिल रही है।
  • विधवा के पति द्वारा स्व-घोषणा जिसमें कहा गया हो कि उसकी कोई जीवित पत्नी नहीं है (यदि पति पहले अविवाहित था तो लागू नहीं)।
  • विधवा और उसके पति की दो पासपोर्ट आकार की तस्वीरें और विवाह के समय ली गई एक संयुक्त तस्वीर।

इस व्यापक योजना का उद्देश्य मध्य प्रदेश में विधवाओं को पर्याप्त सहायता प्रदान करना तथा पुनर्विवाह के माध्यम से उनकी सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

निष्कर्ष

मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह सहायता योजना गरीब परिवारों की लड़कियों के लिए वरदान है। यह योजना लड़कियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर प्रदान करने में मदद करती है और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में सक्षम बनाती है।

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