राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (National Vaccination Day) हर साल 16 मार्च को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य टीकाकरण के महत्व को समझाना और लोगों को जागरूक करना है। यह दिन विशेष रूप से भारत में स्वास्थ्य जागरूकता और टीकाकरण अभियानों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।
टीकाकरण क्या है?
टीकाकरण (Vaccination) एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसमें किसी रोग के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए टीका (Vaccine) दिया जाता है। यह टीके शरीर को रोग से लड़ने में सहायता करते हैं और भविष्य में संक्रमण से बचाव करते हैं। टीकाकरण की मदद से कई जानलेवा बीमारियों को रोका जा सकता है।
टीका और उसकी प्रक्रिया
टीका (Vaccine) एक जैविक पदार्थ है, जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दिया जाता है। यह एक निष्क्रिय या कमजोर किए गए रोगाणु, उनके टॉक्सिन्स या उनके प्रोटीन से बना होता है, जिससे शरीर में एंटीबॉडी (Antibody) विकसित होती हैं और भविष्य में उसी रोग से सुरक्षा मिलती है।
दुनिया में पहला टीका
दुनिया का पहला टीका एडवर्ड जेनर (Edward Jenner) द्वारा 1796 में विकसित किया गया था। उन्होंने चेचक (Smallpox) के खिलाफ पहला टीका बनाया। उन्होंने देखा कि जो लोग गायपॉक्स (Cowpox) से संक्रमित होते थे, वे चेचक से सुरक्षित रहते थे। इस खोज के आधार पर उन्होंने टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू की।
भारत में पहला टीका
भारत में पहला टीकाकरण अभियान 1893 में चेचक के खिलाफ शुरू हुआ था। बाद में 1978 में बीसीजी (BCG) टीका तपेदिक (TB) के लिए भारत में पेश किया गया। इसके बाद से कई टीकाकरण कार्यक्रम चलाए गए, जिनमें पल्स पोलियो अभियान सबसे प्रमुख रहा।
टीकाकरण क्यों आवश्यक है?
- टीकाकरण कई घातक बीमारियों से बचाव में मदद करता है, जैसे:
- पोलियो (Polio) – यह बच्चों को अपंग बना सकता है।
- टिटनेस (Tetanus) – यह मांसपेशियों की जकड़न और जानलेवा संक्रमण का कारण बन सकता है।
- डिप्थीरिया (Diphtheria) – यह सांस की नली में रुकावट पैदा कर सकता है।
- काली खांसी (Whooping Cough) – यह नवजात शिशुओं के लिए खतरनाक हो सकता है।
- हैपेटाइटिस बी (Hepatitis B) – यह लिवर संक्रमण को रोकने में मदद करता है।
- टीबी (Tuberculosis) – यह फेफड़ों के संक्रमण को रोकता है।
- कोविड-19 (COVID-19) – हाल ही में विकसित टीके इस महामारी से बचाने में सहायक रहे।
- टीकाकरण के फायदे
- यह संक्रामक बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है।
- यह गंभीर जटिलताओं और मृत्यु दर को कम करता है।
- यह सामूहिक प्रतिरक्षा (Herd Immunity) प्रदान करता है, जिससे पूरी आबादी को लाभ मिलता है।
- यह इलाज की तुलना में अधिक किफायती और प्रभावी उपाय है।
- टीकाकरण के संभावित दुष्प्रभाव
हालांकि टीकाकरण आमतौर पर सुरक्षित होता है, लेकिन कुछ मामलों में हल्के से गंभीर दुष्प्रभाव देखे जा सकते हैं:
- हल्का बुखार और दर्द
- टीकाकरण स्थल पर सूजन
- थकान और सिरदर्द
- कुछ दुर्लभ मामलों में एलर्जी की प्रतिक्रिया
किस परिस्थितियों में टीकाकरण किया जाता है?
टीकाकरण निम्नलिखित परिस्थितियों में किया जाता है:
- शिशुओं और बच्चों का नियमित टीकाकरण – नवजात शिशुओं को कई आवश्यक टीके दिए जाते हैं।
- महामारियों के दौरान – जब कोई नया रोग फैलता है, तो जनसंख्या को बचाने के लिए वैक्सीन विकसित की जाती है।
- यात्रा से पहले – कुछ देशों में जाने से पहले कुछ विशेष टीकों की आवश्यकता होती है।
- गर्भवती महिलाओं के लिए – ताकि वे और उनका बच्चा सुरक्षित रह सके।
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए – जैसे बुजुर्ग, कैंसर मरीज आदि।
पहला व्यक्ति जिसने पहला टीका लिया
1796 में, एडवर्ड जेनर ने एक 8 वर्षीय लड़के जेम्स फिप्स (James Phipps) को पहला टीका दिया था। यह टीका गायपॉक्स वायरस पर आधारित था, जिसने उसे चेचक से सुरक्षित रखा।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस हमें यह याद दिलाता है कि टीकाकरण संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि सामूहिक रूप से पूरे समाज की रक्षा करता है। भारत सरकार विभिन्न टीकाकरण कार्यक्रमों को लागू कर रही है ताकि हर नागरिक को इसका लाभ मिल सके। इसलिए, हमें टीकाकरण को लेकर जागरूक रहना चाहिए और इसे समय पर लगवाना चाहिए।