आयुध निदेशालय (समन्वय और सेवाएँ) (DOO(C&S)) रक्षा मंत्रालय (MoD), भारत सरकार के रक्षा उत्पादन विभाग (DDP) के अंतर्गत कार्यरत एक प्राधिकरण है। यह सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों द्वारा आयुध उत्पादन के प्रबंधन, समन्वय और निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। DOO(C&S) भारतीय आयुध निर्माणियों और इसकी प्रशासनिक सिविल सेवा, भारतीय आयुध निर्माणी सेवा (IOFS) की देखरेख करने वाली नियामक संस्था है।
पूर्व में इसे आयुध निर्माणी बोर्ड (OFB) के रूप में जाना जाता था, लेकिन 2021 में भारतीय सरकार ने 41 आयुध निर्माणियों को सात रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (DPSUs) में परिवर्तित कर दिया। हालांकि, 2024 में, सरकार ने उत्पादन चक्र को अनुकूलित करने के लिए इनका पुनः विलय करने की घोषणा की।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भारतीय आयुध निर्माणियों की विरासत भारतीय सेना और भारतीय रेलवे जैसी प्रमुख भारतीय संस्थाओं से भी पुरानी है। भारतीय आयुध उत्पादन की जड़ें 1712 में इचापुर में डच ओस्टेंड कंपनी द्वारा एक गन पाउडर फैक्ट्री की स्थापना से जुड़ी हैं। इसके बाद, 18वीं और 19वीं शताब्दी में ब्रिटिश शासन के दौरान कई नई निर्माणियां स्थापित की गईं।
प्रमुख मील के पत्थर
वर्ष | घटना |
1712 | डच ओस्टेंड कंपनी ने इचापुर में गन पाउडर फैक्ट्री स्थापित की। |
1775 | कोलकाता में फोर्ट विलियम में आयुध बोर्ड की स्थापना। |
1787 | ईशापुर में दूसरी गन पाउडर फैक्ट्री की स्थापना। |
1791 | ईशापुर में गन पाउडर उत्पादन शुरू हुआ। |
1801 | कोस्सीपोर, कोलकाता में गन कैरिज एजेंसी की स्थापना। |
1802 | कोस्सीपोर फैक्ट्री में 18 मार्च से उत्पादन शुरू हुआ। |
1935 | रक्षा उत्पादन के प्रबंधन के लिए भारतीय आयुध सेवा की शुरुआत। |
1954 | भारतीय आयुध सेवा का नाम बदलकर भारतीय आयुध निर्माणी सेवा (IOFS) रखा गया। |
1979 | 2 अप्रैल को आयुध निर्माणी बोर्ड (OFB) की स्थापना। |
2021 | OFB को भंग कर सात DPSUs में पुनर्गठित किया गया। |
2024 | सरकार ने इन DPSUs के विलय की घोषणा की। |
भारतीय रक्षा और उद्योग में योगदान
भारतीय आयुध निर्माणियों ने युद्धकाल में सशस्त्र बलों को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति कर भारत की रक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है। इन निर्माणियों ने भारत की औद्योगिक क्रांति में भी योगदान दिया है, जिससे इस्पात, एल्युमिनियम, तांबा और रसायन उद्योगों की स्थापना हुई। साथ ही, ISRO, DRDO, BDL, BEL, BEML और SAIL जैसी प्रमुख अनुसंधान संगठनों की स्थापना में भी इनका योगदान रहा है।
सात DPSUs में OFB का पुनर्गठन
17 जून 2021 को रक्षा मंत्रालय ने OFB को सात रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (DPSUs) में पुनर्गठित करने की घोषणा की। यह पुनर्गठन दक्षता, प्रतिस्पर्धात्मकता और आधुनिकीकरण में सुधार के उद्देश्य से किया गया। 1 अक्टूबर 2021 से सभी आयुध निर्माणियों का प्रबंधन और संचालन इन नवगठित DPSUs को सौंप दिया गया:
- एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEIL)
- आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (AVANI)
- ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (GIL)
- इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (IOL)
- म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड (MIL)
- ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड (TCL)
- यंत्र इंडिया लिमिटेड (YIL)
संरचना और प्रबंधन
मुख्यालय
DOO(C&S) भारत के विभिन्न स्थानों से संचालित होता है:
- आयुध भवन, कोलकाता (मुख्यालय)
- आर्मर्ड व्हीकल्स मुख्यालय, चेन्नई
- आयुध उपकरण निर्माणी मुख्यालय, कानपुर
- DOO(C&S) नई दिल्ली कार्यालय
- आयुध निर्माणी सेल, मुंबई
- आयुध निर्माणी भर्ती केंद्र, नागपुर
शीर्ष बोर्ड
आयुध निर्माणियों का प्रबंधन शीर्ष बोर्ड द्वारा किया जाता था, जिसका नेतृत्व आयुध निर्माणी महा-निदेशक (DGOF) करते थे। बोर्ड में नौ सदस्य होते थे, जिनमें से प्रत्येक अतिरिक्त DGOF के पद पर होता था। निर्माणियों को पाँच प्रमुख प्रभागों में विभाजित किया गया था:
- गोला-बारूद और विस्फोटक
- हथियार, वाहन और उपकरण
- सामग्री और घटक
- बख़्तरबंद वाहन
- आयुध उपकरण निर्माणी समूह
प्रमुख आयुध निर्माणियों की सूची
निर्माणी का नाम | स्थान | राज्य | DPSU |
आयुध निर्माणी खड़की (AFK) | पुणे | महाराष्ट्र | म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड |
कॉर्डाइट फैक्ट्री, अरुवांकाडु (CFA) | अरुवांकाडु | तमिलनाडु | म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड |
इंजन फैक्ट्री, अवदी (EFA) | चेन्नई | तमिलनाडु | बख्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड |
गन कैरिज फैक्ट्री, जबलपुर (GCF) | जबलपुर | मध्य प्रदेश | एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड |
हेवी व्हीकल्स फैक्ट्री, चेन्नई (HVF) | चेन्नई | तमिलनाडु | बख्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड |
मेटल एंड स्टील फैक्ट्री, ईशापुर (MSF) | ईशापुर | पश्चिम बंगाल | यंत्र इंडिया लिमिटेड |
आयुध निर्माणी कानपुर (OFC) | कानपुर | उत्तर प्रदेश | एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड |
राइफल फैक्ट्री, ईशापुर (RFI) | ईशापुर | पश्चिम बंगाल | एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड |
स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री (SAF) | कानपुर | उत्तर प्रदेश | एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड |
वाहन निर्माणी जबलपुर (VFJ) | जबलपुर | मध्य प्रदेश | बख्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड |
भारतीय आयुध निर्माणी सेवा (IOFS)
भारतीय आयुध निर्माणी सेवा (IOFS) रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत एक ग्रुप A सिविल सेवा है। IOFS अधिकारी अनुसंधान, उत्पादन और प्रशासन का प्रबंधन करते हैं। इस सेवा में इंजीनियर, वैज्ञानिक, विधि, वाणिज्य और प्रबंधन विशेषज्ञ शामिल होते हैं।
उत्पाद और निर्यात
आयुध निर्माणियों द्वारा निर्मित प्रमुख रक्षा उपकरण:
- छोटे हथियार: रिवॉल्वर, पिस्तौल, राइफल
- गोला-बारूद: बम, ग्रेनेड, कारतूस
- सैन्य वाहन: बख़्तरबंद टैंक, ट्रूप कैरियर
- विस्फोटक और प्रणोदक
- ऑप्टिकल उपकरण और पैराशूट
भारत 30 से अधिक देशों को आयुध उत्पादों का निर्यात करता है, जिनमें थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, वियतनाम, नेपाल और सिंगापुर शामिल हैं।
निष्कर्ष
DOO(C&S) भारत की रक्षा तैयारियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 2024 में सात DPSUs के नियोजित विलय से दक्षता में वृद्धि और उत्पादन को सुव्यवस्थित करने की योजना है। यह संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा में नवाचार और आधुनिकीकरण के माध्यम से योगदान देना जारी रखेगा।