बिहार लोक सेवा आयोग 68वीं परीक्षा (68th BPSC) के नतीजों में कई अभ्यर्थी विजयी हुए हैं, जिनमें से एक हाजीपुर के बिद्दूपुर गांव की रहने वाली प्रेरणा सिंह भी हैं। प्रेरणा ने इस परीक्षा में तीसरा स्थान हासिल कर डिप्टी एसपी (DSP) का पद हासिल किया है। प्रेरणा ने बताया कि उन्होंने सफल होने का ये सपना बचपन में ही देख लिया था। उनके पिता एक वकील थे। प्रेरणा ने बताया कि पापा की गांव में बहुत इज्जत थी, सभी लोग पापा को सलाम करते थे, लेकिन एक बार मेरे पापा ने एक DSP को देखा और उन्हें सलाम किया, तब मैंने उनसे पूछा कि मैडम कौन हैं? तो मेरे पापा ने बताया कि वो Deputy SP हैं। तभी से मैंने तय कर लिया था कि मुझे भी डिप्टी एसपी बनना है।

मां ने बताया था- डीएम और एसपी क्या होते हैं?

प्रेरणा बताती हैं कि जब वह स्कूल में थीं तो एक बार उन्होंने अपने यहां महिला एसपी और डीएम को देखा था। एक कार्यक्रम में जब वह आईं तो सभी लोग खड़े होकर उनका अभिवादन करने लगे। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि उस महिला को देखकर सभी लोग खड़े होकर उसका अभिवादन क्यों कर रहे थे। पूछने पर मां ने बताया कि डीएम और एसपी क्या होते हैं, उनकी जिम्मेदारियां क्या होती हैं और उनके अधिकार और कर्तव्य क्या होते हैं? इसके बाद ही मैं भी अफसर बनने का सपना देखने लगा। उनका कहना है कि अब वह यूपीएससी की तैयारी भी करेंगी।

पारिवारिक पृष्ठभूमि

प्रेरणा ने बताया कि वह दो बहनों और एक भाई में सबसे बड़ी हैं। उनके पिता निरंजन सिंह और मां शीला सिंह दोनों झारखंड हाई कोर्ट में वकील हैं. छोटी बहन Axis Bank में Data Scientist हैं, जबकि छोटा भाई ITI, Dhanbad से पढ़ाई कर रहा है।

पड़ोसी ताना मारते थे

प्रेरणा के पिता और मां दोनों High Court के वकील हैं। प्रेरणा पटना में रहकर सेल्फ स्टडी करती थी। उन्होंने बताया कि उनके आस-पास के लोग उन्हें बहुत ताने मारते थे। पहले जब वह घर पर रहती थी तो आस-पड़ोस के लोग कहते थे कि उसे कोई तैयारी नहीं करनी चाहिए, बस कुछ काम करना चाहिए। जिसके बाद प्रेरणा ने घर से बाहर पढ़ाई करने के लिए पटना आने का फैसला किया। प्रेरणा ने पटना के बोरिंग रोड स्थित एक हॉस्टल में रहकर सेल्फ स्टडी शुरू की। कड़ी मेहनत के बाद प्रेरणा ने अब बीपीएससी में अपना परचम लहराया है।

UPSC में सफल नहीं हो सके

प्रेरणा बताती हैं कि उन्होंने दो बार यूपीएससी का प्रयास किया। जब वह दोनों बार असफल हुए तो उनके रिश्तेदारों ने उन्हें ताना देना शुरू कर दिया। इसके बाद कुछ समय के लिए मुझे भी लगा कि अफसर बनना मेरी किस्मत में नहीं है, लेकिन जब दोबारा हिम्मत जुटाई और परीक्षा दी तो रिजल्ट सामने आया कि उन्होंने बीपीएससी में तीसरा स्थान हासिल किया है। प्रेरणा का कहना है कि उन्हें बचपन से ही डिप्टी एसपी या एसपी बनने का शौक था। उन्होंने आगे कहा कि आज जब नतीजे आए हैं और मैं डिप्टी एसपी बन गई हूं तो मुझे बहुत खुशी हो रही है। नतीजे आने के बाद उन्हें अपने परिवार से मिलने के लिए काफी इंतजार करना पड़ा, क्योंकि उनका पूरा परिवार एक शादी में बनारस गया हुआ था। आने वाले दिनों में प्रेरणा भी शादी में शामिल हुईं और फिर अपने परिवार से मिलीं। प्रेरणा कहती हैं कि जो भी मेरे क्षेत्र में काम आएगा, मैं बिहार में अपराध रोकने में अपना पूरा योगदान दूंगी। प्रेरणा ने यह भी कहा कि मैं यूपीएससी की तैयारी जारी रखूंगी और जल्द से जल्द यूपीएससी परीक्षा पास करने की कोशिश करूंगी।

68th BPSC Interview Practice with KGS-IAS

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