उत्तर प्रदेश कन्या विवाह सहायता योजना का मुख्य उद्देश्य भवन एवं निर्माण क्षेत्र में कार्यरत पंजीकृत श्रमिकों तथा पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिकों की पुत्रियों के विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना का उद्देश्य वैध वयस्क विवाह को प्रोत्साहित करना तथा अवैध प्रथाओं को रोकना है। इस योजना के लिए पात्र होने के लिए निर्माण कर्मकार बोर्ड का नवीनतम विधिवत पंजीकृत सदस्य होना आवश्यक है तथा पुत्री या महिला श्रमिक को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम आयु मानदंड को पूरा करना होगा। लाभ के लिए आवेदन करने हेतु श्रमिक को पंजीकरण के पश्चात कम से कम एक वर्ष (365 दिन) तक बोर्ड की सदस्यता पूर्ण करनी होगी।
लाभ
- पात्र पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को अपनी पुत्री अथवा स्वयं की शादी के लिए 55,000 रुपये की धनराशि मिलेगी, यदि वे पंजीकृत महिला श्रमिक हैं। अंतरजातीय विवाह के लिए आर्थिक सहायता राशि 61,000 रुपये है।
- बोर्ड द्वारा एक स्थान पर कम से कम 11 जोड़ों के सामूहिक विवाह के लिए पुत्री के विवाह हेतु 65,000 रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त आयोजक को व्यय हेतु प्रति जोड़ा 7,000 रुपये मिलते हैं। वर-वधू के परिधान के लिए पांच हजार रुपये की धनराशि सामूहिक विवाह की तिथि से एक सप्ताह पूर्व पंजीकृत श्रमिक के खाते में हस्तांतरित कर दी जाएगी। यदि कोई पक्ष नहीं आता है तो परिधान के लिए अग्रिम धनराशि नियमित अथवा अंतरजातीय विवाह में देय राशि में समायोजित कर दी जाएगी।
- पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिकों के पुनर्विवाह के लिए यह लाभ तभी मिलेगा, जब पिछला विवाह विधिक रूप से तलाकशुदा हो या पति की मृत्यु हो गई हो। न्यायालयीन निर्णय अथवा मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। पुनर्विवाह के लिए लाभ राशि सामूहिक विवाह में देय राशि के बराबर होगी।
पात्रता
- पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को बोर्ड की सदस्यता के कम से कम 365 दिन पूरे करने होंगे।
- आवेदन विवाह के एक वर्ष के भीतर अथवा सामूहिक विवाह की स्थिति में 15 दिन पूर्व करना होगा।
- पुत्री का आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य है।
- लाभ दो बच्चों तक सीमित है।
- पुत्री एवं प्रस्तावित वर की न्यूनतम आयु क्रमश: 18 एवं 21 वर्ष होनी चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया
- सामूहिक विवाह के मामले में, निर्धारित विवाह तिथि से 15 दिन पहले आवेदन किया जा सकता है। पात्र पंजीकृत निर्माण श्रमिक, जो बोर्ड के नवीनतम विधिवत पंजीकृत सदस्य हैं, आवेदन कर सकते हैं।
- बेटी या पंजीकृत महिला श्रमिक की आयु सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम आयु मानदंड को पूरा करना चाहिए।
- इसके अतिरिक्त, पंजीकृत निर्माण श्रमिक को लाभ के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए पंजीकरण के बाद कम से कम एक वर्ष (365 दिन) के लिए बोर्ड की सदस्यता पूरी करनी चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज
- बेटी और दूल्हे की आयु के लिए जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र या परिवार रजिस्टर की स्व-सत्यापित प्रति।
- स्थानीय ग्राम प्रधान/तहसीलदार/पार्षद द्वारा प्रमाणित विवाह कार्ड।
- यदि लागू हो तो गोद लेने का रिकॉर्ड।
- पंजीकृत श्रमिक का परिवार रजिस्टर/राशन कार्ड या समकक्ष।
- कर्मचारी द्वारा सत्यापित वर और वधू की स्व-सत्यापित तस्वीर।
- पिछले 12 महीनों में कम से कम 90 दिनों के लिए निर्माण क्षेत्र में काम करने का रोजगार/स्व-घोषणा प्रमाण पत्र।
- स्व-घोषणा पत्र जिसमें कहा गया हो कि किसी भी समान योजना से कोई लाभ नहीं मिला है।
- पुनर्विवाह लाभ के लिए लागू होने पर मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश कन्या विवाह सहायता योजना पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की बेटियों की शादी के वित्तीय बोझ को कम करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक पहल है। यह योजना कानूनी वयस्क विवाह सुनिश्चित करके और पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करके सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देती है और अवैध प्रथाओं को रोकती है। विस्तृत पात्रता मानदंड और आवश्यक दस्तावेज यह सुनिश्चित करते हैं कि लाभ योग्य लाभार्थियों तक पहुँचें, उनके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालें और सामाजिक स्थिरता में योगदान दें।
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