हर वर्ष 15 अप्रैल को दुनियाभर में विश्व कला दिवस मनाया जाता है। यह दिन कला की सार्वभौमिक शक्ति, सांस्कृतिक विविधता में उसकी भूमिका, और कलाकारों के योगदान को सम्मान देने के लिए समर्पित है। यह तारीख विशेष रूप से महान कलाकार लिओनार्डो दा विंची की जयंती पर चुनी गई है, जो रचनात्मकता, स्वतंत्रता और शांति के प्रतीक माने जाते हैं।

विश्व कला दिवस की शुरुआत

विश्व कला दिवस की शुरुआत 2012 में International Association of Art (IAA) द्वारा मैक्सिको के ग्वाडलजारा में हुई थी। इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर कला और कलाकारों के महत्व को रेखांकित करना था। इस दिन को लिओनार्डो दा विंची की जयंती से जोड़ना यह दर्शाता है कि कला किसी भी सीमा में बंधी नहीं होती – यह सार्वभौमिक है।

IAA की स्थापना 1954 में हुई थी और यह संगठन UNESCO के साथ मिलकर कला की स्वतंत्रता और कलाकारों के अधिकारों को बढ़ावा देता है। तभी से यह दिन हर साल दुनियाभर में मनाया जाता है।

वर्ल्ड आर्ट डे के थीम:

  • 2024 की थीम: “अभिव्यक्ति का बग़ीचा – कला के माध्यम से समुदाय का पोषण”
    • इस वर्ष की थीम हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि कला कैसे लोगों को जोड़ती है, साझा अनुभवों के ज़रिए समुदाय की भावना को बढ़ाती है। यह थीम यह दर्शाती है कि कला केवल रचनात्मक अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और पहचान का माध्यम भी है।
  • 2025 का थीम: “आर्ट फॉर यूनिटी एंड हीलिंग – एकता और उपचार के लिए कला”
    • इस थीम का उद्देश्य कला के माध्यम से समाज में एकता, शांति और मानसिक संतुलन को बढ़ावा देना है। यह हमें यह दर्शाता है कि कला न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह समाज को जोड़ने, मानसिक तनाव कम करने और भावनात्मक राहत देने का भी एक सशक्त माध्यम है। हर वर्ष वर्ल्ड आर्ट डे का थीम यूनेस्को या प्रमुख कला संस्थानों द्वारा निर्धारित किया जाता है।

विश्व कला दिवस का महत्व

यह दिन न केवल लिओनार्डो दा विंची, विन्सेंट वैन गॉग, क्लॉद मोने, राजा रवि वर्मा और अमृता शेरगिल जैसे महान कलाकारों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है, बल्कि उन अज्ञात कलाकारों को भी मान्यता देता है जो चुपचाप समाज की सौंदर्यता और सांस्कृतिक गहराई को समृद्ध करते हैं।

कला शिक्षा को बढ़ावा देना भी इस दिन का प्रमुख उद्देश्य है। यह एक समावेशी और न्यायसंगत शिक्षा प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आजीवन सीखने की प्रक्रिया में रचनात्मकता को जोड़ता है।

प्रेरणादायक कलाकारों के विचार

कुछ प्रसिद्ध कलाकारों के प्रेरणादायक कथन:

  • लिओनार्डो दा विंची: “कला कभी समाप्त नहीं होती, केवल छोड़ी जाती है।”
  • विन्सेंट वैन गॉग: “मैं अपने चित्र का सपना देखता हूँ, फिर उसे रंगों में ढालता हूँ।”
  • क्लॉद मोने: “मुझे फूल चाहिए – हमेशा और हर समय।”
  • अमृता शेरगिल: “मैं केवल भारत में चित्र बना सकती हूँ। यूरोप पिकासो, मतीस और ब्राक का है… भारत केवल मेरा है।”

विश्व कला दिवस की झलकियाँ

  • 1503–1506: लिओनार्डो दा विंची ने मोनालिसा बनाई।
  • 1886: जॉर्ज सेरात ने A Sunday Afternoon पूरा किया।
  • 1997: बैंक्सी ने इंग्लैंड में ग्रैफिटी आर्ट की शुरुआत की।
  • 2012: पहला विश्व कला दिवस मनाया गया।

क्या वर्ल्ड आर्ट डे केवल चित्रकला (पेंटिंग) तक सीमित है?

नहीं, वर्ल्ड आर्ट डे हर प्रकार की कला का उत्सव है। इसमें चित्रकला के साथ-साथ संगीत, नृत्य, लेखन, रंगमंच (थिएटर), मूर्तिकला, स्थापत्य कला और डिजिटल आर्ट जैसे सभी कला रूपों को शामिल किया जाता है। कला किसी भी रूप में हो, वह मानवीय भावनाओं, विचारों और संस्कृतियों की अभिव्यक्ति का माध्यम होती है।

कला का ऐतिहासिक दृष्टिकोण

प्राचीन ग्रीस में कला को छह रूपों में बाँटा गया था: 

  1. वास्तुकला 
  2. चित्रकला 
  3. मूर्तिकला
  4. संगीत
  5. साहित्य
  6. नृत्य
  7. 1911 में, रिक्किओत्तो कनूडो ने “सिनेमा” को सातवीं कला के रूप में मान्यता दी, जिसने परंपरागत कलाओं के मिश्रण से एक नई अभिव्यक्ति का रूप लिया।

भारत की कला और प्रसिद्ध कलाकार

यहाँ की कला परंपरा हजारों वर्षों पुरानी और अत्यंत समृद्ध रही है। यहाँ की पेंटिंग, नृत्य, संगीत और शिल्पकला विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी-अपनी विशिष्ट कला शैलियाँ विकसित हुई हैं — जैसे मधुबनी, वारली, कालीघाट, तंजावुर चित्रकला, कर्नाटक संगीत, भरतनाट्यम, कथकली, और कई अन्य।

  • भारत ने विश्व को अनेक महान कलाकार दिए हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख नाम हैं:
    • रवींद्रनाथ टैगोर – नोबेल पुरस्कार विजेता, जिन्होंने लेखन और चित्रकला दोनों में उत्कृष्ट योगदान दिया।
    • एम.एफ. हुसैन – भारत के सबसे प्रसिद्ध आधुनिक चित्रकारों में से एक।
    • एस.एच. रज़ा – भारतीय आधुनिक कला में अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने वाले कलाकार।
    • भीमसेन जोशी – हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के महान गायक।
    • मल्लिका साराभाई – नृत्य और रंगमंच की जानी-मानी हस्ती।
    • सत्यजीत रे – फिल्म निर्देशक, जिन्होंने सिनेमा को एक कलात्मक आयाम दिया।

भारत की विविधता में निहित कला उसकी आत्मा की झलक है। वर्ल्ड आर्ट डे, इन सभी कलाकारों और उनके योगदान को सम्मानित करने का एक विशेष अवसर है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्र. कला क्या है?
कला मानवीय रचनात्मकता की अभिव्यक्ति है, जो दृश्य, श्रव्य, साहित्यिक या प्रदर्शनकारी रूप में हो सकती है।

प्र. क्या कला दुनिया को बदल सकती है?
बिलकुल! कला सामाजिक सीमाओं को तोड़ सकती है, आवाज़हीनों को आवाज़ दे सकती है और बदलाव के लिए प्रेरित कर सकती है।

प्र. क्या कला राजनीतिक हो सकती है?
कई बार कलाकारों ने सामाजिक और राजनीतिक संदेशों को कला के माध्यम से व्यक्त किया है – ये चित्र, मूर्तियाँ या प्रदर्शन, समाज में जागरूकता और परिवर्तन लाने के सशक्त माध्यम बनते हैं।

निष्कर्ष

विश्व कला दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि एक आंदोलन है – यह याद दिलाता है कि हम सभी के भीतर एक कलाकार छिपा है। यह दिन हमें प्रेरित करता है कि हम कला के प्रति अपने प्रेम को जगाएँ, कलाकारों को सराहें और अपनी रचनात्मकता को खुलकर अभिव्यक्त करें।

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