विश्व क्षय रोग (टीबी) दिवस हर वर्ष 24 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य क्षय रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इस बीमारी को समाप्त करने के लिए प्रयास करना है। यह दिन डॉ. रॉबर्ट कॉख द्वारा 1882 में टीबी के जीवाणु माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस की खोज के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
(टीबी) क्या है?
क्षय रोग एक संक्रामक बीमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु के कारण होती है। यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है, लेकिन शरीर के अन्य अंगों जैसे मस्तिष्क, हड्डियाँ, गुर्दे और रीढ़ की हड्डी को भी नुकसान पहुँचा सकती है।
क्षय रोग का इतिहास
टीबी एक प्राचीन बीमारी है, जिसके प्रमाण मिस्र की 4000 साल पुरानी ममी में भी पाए गए हैं। 17वीं और 18वीं शताब्दी में यूरोप में यह बीमारी महामारी के रूप में फैली थी। 1882 में डॉ. रॉबर्ट कॉख ने इस बीमारी के जीवाणु की खोज की, जिससे टीबी के निदान और उपचार में क्रांति आई।
विश्व क्षय रोग दिवस का इतिहास
पहली बार विश्व क्षय रोग दिवस 1982 में मनाया गया था, जब इस बीमारी की खोज के 100 वर्ष पूरे हुए थे। 1996 में स्टॉप टीबी पार्टनरशिप ने इसे वैश्विक स्तर पर मनाने की शुरुआत की।
टीबी के कारण
इसका मुख्य कारण माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस जीवाणु है। यह हवा के माध्यम से एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
टीबी के लक्षण
- लगातार दो सप्ताह से अधिक खांसी आना
- खांसते समय खून आना
- वजन घटना
- रात में पसीना आना
- थकान और कमजोरी महसूस होना
- भूख न लगना
- सीने में दर्द
टीबी के नुकसान
यदि टीबी का सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह रोग घातक हो सकता है। यह फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित कर सकता है और रोगी की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर सकता है।
टीबी की रोकथाम
- भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचें
- व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें
- पौष्टिक आहार लें
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें
- खांसते और छींकते समय मुंह को ढकें
टीबी का उपचार
क्षय रोग का इलाज आमतौर पर 6-9 महीने तक चलने वाले DOTS (Directly Observed Treatment, Short-course) पद्धति के माध्यम से किया जाता है। इसमें रोगी को नियमित रूप से दवाएँ दी जाती हैं।
टीबी का टीका
टीबी से बचाव के लिए बीसीजी (BCG – Bacillus Calmette-Guérin) वैक्सीन का उपयोग किया जाता है। यह टीका शिशुओं को जन्म के तुरंत बाद दिया जाता है और यह शरीर को टीबी के गंभीर रूपों से बचाने में मदद करता है।
निष्कर्ष
टीबी एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य बीमारी है। इसके प्रति जागरूकता और समय पर उपचार से इसे रोका जा सकता है। विश्व क्षय रोग दिवस हमें इस बीमारी को समाप्त करने की दिशा में प्रयास करने की प्रेरणा देता है।