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News Highlights provides you with the best compilation of the Daily News Highlights taking place across the globe: National, International, Sports, Science and Technology, Banking, Economy, Agreement, Appointments, Ranks, and Report and General Studies
1.
मतदाताओं की पहचान में अब किसी तरह का घालमेल या दोहराव नहीं हो सकेगा। चुनाव आयोग जल्द ही देश के सभी मतदाताओं को एक अनूठे मतदाता फोटो पहचान पत्र (यूनिक ईपिक) से लैस करेगा, जिसमें मतदाताओं को आधार की तरह एक अनूठा नंबर मुहैया कराया जाएगा। जो उनके एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित होने पर भी नहीं बदलेगा। जब तक वे मतदाता रहेंगे, तब तक वे उसी अनूठे ईपिक नंबर से पहचाने जाएंगे। मतदाताओं के पास वैसे तो अभी भी एक ईपिक नंबर है, लेकिन ये अनूठे नंबर नहीं हैं। राज्यों ने इसे अपने स्तर पर ही अलग-अलग पैटर्न पर जारी किए हैं। -
2.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भ्रष्टाचार मुक्त समाज के लिए अदालतों को अभियुक्तों की रिहाई से इन्कार करने में संकोच नहीं करना चाहिए। जस्टिस जेबी पार्टीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने भ्रष्टाचार के एक मामले में एक सरकारी अधिकारी की अग्रिम जमानत खारिज करने के फैसले को बरकरार रखा।
3.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय सहकारी क्षेत्र के विस्तार के लिए वैश्विक सहकारी संगठनों के साथ साझेदारी बढ़ाने और स्कूलों समेत शैक्षणिक संस्थानों में सहकारी पाठ्यक्रम शुरू करने पर जोर दिया। शिक्षण संस्थानों में सहकारी पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव देते हुए मोदी ने भावी पीढ़ियों को सहकारिता की ओर प्रेरित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि स्कूल-कालेजों एवं आइआइएम में सहकारी पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जाना चाहिए, ताकि सहकारी संगठनों को अत्यधिक ताकत मिल सके। उन्होंने स्नातक युवाओं को भी इस क्षेत्र में योगदान करने का सुझाव दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सहकारी संगठनों को प्रदर्शन के आधार पर रैंक दिया जाना चाहिए।
4.
भारत और बांग्लादेश के संयुक्त नदी आयोग के तकनीकी दलों ने गुरुवार को कोलकाता में गंगा जल संधि पर चर्चा की। इस संधि का नवीनीकरण 2026 में होना है। संधि के प्रविधानों के अनुसार संयुक्त समिति की 86वीं बैठक में बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संयुक्त नदी आयोग के सदस्य मोहम्मद अबुल हुसैन ने किया। बैठक में सीमा पार की नदियों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई। संयुक्त नदी आयोग में भारत, बांग्लादेश और बंगाल की सरकारों के सदस्य शामिल हैं। शुक्रवार को भी भारत-बांग्लादेश संयुक्त नदी आयोग रूपरेखा के अंतर्गत तकनीकी बैठक होगी। बता दें कि जल बंटवारा भारत और बांग्लादेश के बीच 1996 की संधि के अनुसार किया जा रहा है।
5.
डिजिटल इंडिया फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार' देश में अवैध जुए और सट्टेबाजी का नेटवर्क गंभीर रूप ले चुका है। अनुमान है कि यह अवैध सेक्टर हर साल 100 अरब डालर के लेनदेन को पार कर चुका है और हर साल 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और इसकी रोकथाम केवल सरकार के बस की बात नहीं है।'
6.
हमारे सामाजिक-पारिवारिक परिवेश में दिखता है कि कार्यबल में आधी आबादी की भागीदारी बढ़ ही रही है। इस बदलाव को पुख्ता करने वाले आंकड़े सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा रोजगार से जुड़ी गतिविधियों में महिलाओं की हिस्सेदारी से जुड़े सर्वेक्षण में सामने आए हैं। सर्वे के अनुसार वर्ष 2019 में आजीविका संबंधित गतिविधियों में स्त्रियों की भागीदारी 21.8 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2024 में 25 प्रतिशत हो गई है।
7.
भारतीय शिक्षा प्रणाली एक नए युग की ओर अग्रसर है, जहां समावेशन, नवाचार और व्यावहारिक ज्ञान को प्राथमिकता दी जा रही है। यूजीसी द्वारा नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत पिछले चार वर्षों में उठाए गए कई कदम उच्च शिक्षा को अधिक लचीला, समावेशी और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप बनाने का प्रयास हैं। चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम, डिजिटल विश्वविद्यालय, एकीकृत क्रेडिट फ्रेमवर्क, व्यावसायिक शिक्षा और मातृभाषा में अध्ययन जैसी पहलों ने शिक्षा को पारंपरिक सीमाओं से मुक्त कर एक समावेशी और व्यावहारिक स्वरूप प्रदान किया है। इन सुधारों का उद्देश्य सभी वर्गों को समान अवसर देना, ज्ञान को रोजगारोन्मुख बनाना और भारत को एक वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित करना है। यदि इन प्रयासों को प्रभावी ढंग से लागू किया गया, तो यह भारतीय उच्च शिक्षा के लिए एक स्वर्णिम युग का आरंभ सिद्ध होगा।
8.
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्यों के बीच शिक्षा व्यय में भारी असमानता देखी जा रही है। जम्मू-कश्मीर (8.11 प्रतिशत) और मणिपुर (7.25 प्रतिशत) जहां अपने शिक्षा बजट का बड़ा भाग व्यय कर रहे हैं, वहीं देश की राजधानी दिल्ली में शिक्षा पर मात्र 1.67 प्रतिशत ही खर्च किया जाता है। इसी प्रकार, प्रति युवा शिक्षा पर व्यय में केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना आगे हैं, जबकि राजस्थान, पंजाब और छत्तीसगढ़ पिछड़ रहे हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि कुछ राज्य उच्च शिक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं, जबकि अन्य अभी भी संसाधनों के अभाव से जूझ रहे हैं। इस रिपोर्ट में विश्वविद्यालय घनत्व को लेकर भी महत्वपूर्ण निष्कर्ष सामने आए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर प्रति एक लाख युवाओं पर 0.8 विश्वविद्यालय हैं, लेकिन सिक्किम (10.3), अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में यह आंकड़ा कहीं अधिक है। दूसरी ओर, बिहार (0.2) में विश्वविद्यालय घनत्व सबसे कम है, जो उच्च शिक्षा तक पहुंच की गंभीर चुनौती को दर्शाता है। यह स्पष्ट करता है कि राज्यों में शैक्षणिक संस्थानों की उपलब्धता असंतुलित है, जिससे छात्रों के लिए उच्च शिक्षा ग्रहण करना कठिन हो जाता है।
9.
अभिव्यक्ति कार्यविवश्यक सामाज अभिव्यक्ति के अभाव में कुंठा एवं नकारात्मकता के बढ़ने की आशंका है। भारतीय ज्ञान परंपरा और संविधान प्रत्येक व्यक्ति को अभिव्यक्ति की आजादी देते हैं। यहां कोई भी बात अथवा विचार किसी पर थोपा नहीं जाता, अपितु उस पर समग्रता में बातचीत करते हुए अथवा संवाद के जरिए स्वीकार या अस्वीकार किया जाता है। लेकिन बीते कुछ वर्षों में अभिव्यक्ति की आजादी को कुछ लोग डिजिटल मंच को कुछ भी बोल देने का लाइसेंस समझ रहे हैं, क्या यह एक नागरिक और सभ्य समाज के लिए घातक नहीं है? पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल पर अभद्रता, अश्लीलता और हिंसा की बाढ़ आ गई है। विभिन्न डिजिटल मंच सामाजिक और सांस्कृतिक ताने बाने पर प्रहार करने के साथ-साथ मानसिक प्रदूषण भी फैला रहे हैं। जल्दी लोकप्रियता और अधिक व्यू मिलने की चाहत में निजता को भी रील बनाकर फैलाने की होड़ लगी हुई है। अनेक वीडियो एवं वेबसीरीज भिन्न-भिन्न रूपों में आपराधिक प्रवृत्ति को बढ़ावा दे रहे हैं। क्या इन पर तत्काल नियंत्रण की आवश्यकता नहीं है?
10.
देश के शेयर बाजार से निवेश समेटते विदेशी संस्थागत निवेशक, डालर के मुकाबले रुपये की कमजोर होती स्थिति और वित्त वर्ष के अंतिम महीने में सरकारी खर्चे में वृद्धि इन तीन आर्थिक हालात ने देश में नकदी की स्थिति को लेकर कुछ सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे में बैंकिंग सिस्टम में अतिरिक्त फंड डाल कर नकदी की स्थिति को बेहतर करने को लेकर आरबीआइ की सक्रियता और बढ़ गई है और उसके आगे भी सक्रिय रहने की संभावना है। बुधवार को आरबीआइ ने अगले दो हफ्तों के भीतर बैंकिंग सिस्टम में 1.90 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड डालने के तरीकों के बारे में बताया। वैसे आरबीआइ के अधिकारी नकदी की मौजूदा स्थिति को बहुत चिंताजनक नहीं मान रहे। हालांकि इस बारे में सतर्क निगरानी भी की जा रही है। अर्थविदों का मानना है कि आरबीआइ ने हाल के हफ्तों में नकदी बढ़ाने की जो कोशिश की है, उसका असर बैंकों कर्ज वितरण की गति पर भी पड़ेगा और पिछले महीने में हुई रेपो रेट कटौती का फायदा ग्राहकों को मिलने का रास्ता भी साफ होगा।
11.
इंडियाए आइ मिशन को सरकार तेजी से आगे बढ़ा रही है। इस क्रम में गुरुवार को इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एआइ कंप्यूट पोर्टल और एआइकोप पोर्टल लांच किया। ये पोर्टल भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) के इको-सिस्टम को विकसित करने में मदद करेंगे। सभी राज्य और सभी विभागों के डाटा यहां मौजूद होंगे। उन्होंने यह भी बताया सरकार के सभी विभागों में एआइ को तेजी से अपनाने के लिए 10 लाख से अधिक सरकारी कर्मियों को एआइ का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनमें राज्यों के सरकारी कर्मी भी शामिल हैं। 27 छोटे शहरों में एआइ डाटा सेंटर भी स्थापित किए जा रहे हैं। -
12.
एमएसएमई को लोन देने के लिए बैंक अब किसी थर्ड पार्टी या उनके टर्नओवर की जानकारी पर निर्भर नहीं रहेंगे।
बैंक बाहरी मूल्यांकन पर निर्भरता के बजाय अपनी आंतरिक क्षमता विकसित करेंगे और यह पूरी तरह से डिजिटल और डाटाबेस पर आधारित होगी। गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने नया क्रेडिट मूल्यांकन माडल लांच किया। इसकी घोषणा पिछले बजट में की गई थी। -
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